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Jammu Kashmir: हनीट्रैप में फंसे युवक ने पकड़े जाने से पहले नष्ट किया सिमकार्ड

पुलिस इस बात की जानकारी हासिल करने में जुटी है कि युवक ने सीमांत इलाके के किन किन संवेदनशील स्थलों की तस्वीरें अपने फोन से खींचकर अनजाने में पाकिस्तानी एजेंट को भेजी हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 01:01 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 01:01 PM (IST)
Jammu Kashmir: हनीट्रैप में फंसे युवक ने पकड़े जाने से पहले नष्ट किया सिमकार्ड
Jammu Kashmir: हनीट्रैप में फंसे युवक ने पकड़े जाने से पहले नष्ट किया सिमकार्ड

जम्मू, जागरण संवाददाता। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के हनीट्रैप में फंसे युवक के मोबाइल फोन को पुलिस ने जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में भेज दिया है। वहीं, युवक ने पुलिस के हत्थे चढ़ने से पूर्व ही अपने सिमकार्ड को नष्ट कर दिया था। उसे जब पता चला कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का शिकार हो चुका है तो उसने अपने मोबाइल फोन से सभी तस्वीरों को भी हटा दिया था।

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जब्त किए गए मोबाइल फोन से पुलिस इस बात की जानकारी हासिल करने में जुटी है कि युवक ने सीमांत इलाके के किन किन संवेदनशील स्थलों की तस्वीरें अपने फोन से खींचकर अनजाने में पाकिस्तानी एजेंट को भेजी हैं। चूंकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है इसलिए पुलिस अधिकारी खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे। जासूसी के आरोप में पकड़े गए युवक को पूछताछ के लिए ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर में ले जाने की तैयारी है। पता लगाया जाएगा कि वह किस प्रकार सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में आया था। जम्मू कश्मीर पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते स्पेशल आपरेशन ग्रुप की सूचना पर अरनिया पुलिस ने गांव पोवाल के युवक को पकड़ा था।

वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान में बैठे एजेंट के संपर्क में था और उन्हें सुरक्षा बलों के शिविरों व मौजूदगी की जानकारी देता था। सोशल मीडिया के जरिए शकीला नामक एक युवती ने उससे संपर्क किया था। युवती ने खुद को पंजाब के पटियाला की रहने वाली बताया था। युवक उस युवती के झांसे में आ गया। फेसबुक के बाद वह वाट्सएप के जरिए बातचीत करने लगे थे और अपने क्षेत्र की जानकारी देता था।

पाकिस्तान से चल रहे 200 फर्जी अकाउंट

केन्द्रीय खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि ऐसे करीब 200 फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइलों का पता लगा है जिनके जरिए ऐसी हरकतें हो रही हैं। पाकिस्तानी एजेंट भारतीय सेना के अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर जानकारी हासिल करने में कामयाब भी हो चुके हैं। गत वर्ष अक्टूबर में सेना ने सभी यूनिटों को एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी में सोशल मीडिया पर संयम बरतने की सलाह दी गई थी। हनी ट्रैप के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के निशाने पर जूनियर ऑफिसर, नॉन कमीशन ऑफिसर, आर्मी के मेडिकल ऑफिसर हैं।


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