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Jammu Kashmir : ताबड़तोड़ हमले करने की फिराक में पाकिस्तान

गणतंत्र दिवस और संसद हमले के दोषी अफजल की 11 फरवरी की बरसी पर सरहद पार से भारत को दहलाने की साजिश रची जा रही हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 01:37 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 01:37 PM (IST)
Jammu Kashmir : ताबड़तोड़ हमले करने की फिराक में पाकिस्तान
Jammu Kashmir : ताबड़तोड़ हमले करने की फिराक में पाकिस्तान

जम्मू, नवीन नवाज । गणतंत्र दिवस और संसद हमले के दोषी अफजल की 11 फरवरी की बरसी पर सरहद पार से भारत को दहलाने की साजिश रची जा रही हैं। इसके लिए पाक सेना की मदद कर रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा व हिजबुल मुजाहिदीन अब एक हो गए हैं। पाक सेना ने जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बार्डर एक्शन टीम (बैट) की कार्रवाइयों के लिए स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप (एसएसजी) के साथ अल-बदर-जैश के दो दर्जन आतंकियों को तैनात किया है। दो बैट दस्ते सांबा सेक्टर में, छह राजौरी-पुंछ में एलओसी पर और चार उत्तरी कश्मीर में नौगाम सेक्टर में तैनात किए हैं। अगले एक माह 80 आतंकियों को जम्मू कश्मीर में सुरक्षित घुसपैठ कराने के लिए पाक सेना ने लांचिंग पैड पर जमा कर लिया है।

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सूत्रों ने बताया कि गत वर्ष दिसंबर में जिला कुपवाड़ा के अंतर्गत टंगडार में तैनात भारतीय सेना ने नीलम घाटी में भारी तबाही की थी। हताश पाक सेना नियंत्रण रेखा पर बड़ी कार्रवाई की फिराक में हैं। पाक सेना और पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने 21 दिसंबर को गुलाम कश्मीर के नकयाल में और उसके बाद 26 दिसंबर को अथमुकाम में आतंकी कमांडरों से बैठक की है। नकयाल में हुई बैठक में अल-बदर मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन के तीन शीर्ष कमांडर जैश और लश्कर सरगनाओं के साथ बैठे नजर आए। अथुमकाम में हुई बैठक में जैश, लश्कर, हिज्ब और अल-बदर का एक-एक कमांडर था। पाक सेना के एसएसजी यूनिट के साथ तैनात अल-बदर और जैश के आतंकियों के बारे में कहा जा रहा है कि वे अफगानी हैं। ये आतंकी तालिबान के साथ भी रह चुके हैं। सभी आतंकी नियंत्रण रेखा पर पाक सेना के एससएजी दस्तों के साथ भारतीय सेना के खिलाफ बैट कार्रवाइयों को अंजाम देने के लिए तैनात किए हैं। पाक सेना ने 80 आतंकियों को भारतीय इलाके में सुरक्षित घुसपैठ कराने के लिए भी एलओसी पर स्थित विभिन्न लांचिंग पैड पर जमा किया है। इन आतिकयों को पाक सेना फरवरी के पहले सप्ताह तक अलग अलग गुटों में मौका मिलते जम्मू कश्मीर में धकेलने की साजिश रच रही है ।

आइएसआइ चाहती है कि 26 जनवरी के आसपास जम्मू कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों को अंजाम देने के अलावा फरवरी के पहले सप्ताह और दूसरे सप्ताह के दौरान सुरक्षाबलों पर भी सनसनीखेज हमले करें। उसने गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी संगठनों के आकाओं को वादी में सक्रिय कैडर पर दबाव बनाने के लिए भी कहा है। 11 फरवरी को अफजल हमले में शामिल रहे आतंकी अफजल गुरु की बरसी होती है। अफजल गुरु के नाम पर जैश ने अफजल गुरु ब्रिगेड नाम का एक आत्मघाती दस्ता बना रखा है।

विशेष चौकसी बरती जा रही

खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर चौकसी बढ़ाते हुए सभी नाका पार्टियों को सचेत रहने को सख्त निर्देश जारी किया है। पंजाब बार्डर और नेपाल व बांग्लादेश की सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है ताकि आतंकी किसी भी तरीके से भारत में प्रवेश न कर सकें।


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