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Jammu Kashmir : पाकिस्तान सुरंगों के रास्ते आतंक फैलाने की चल रहा है चाल

सुरंगों के रास्ते जम्मू कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराकर पाकिस्तान दहशत फैलाने की बड़ी साजिश रच रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 10:46 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 10:47 AM (IST)
Jammu Kashmir : पाकिस्तान सुरंगों के रास्ते आतंक फैलाने की चल रहा है चाल
Jammu Kashmir : पाकिस्तान सुरंगों के रास्ते आतंक फैलाने की चल रहा है चाल

जम्मू, नवीन नवाज । सुरंगों के रास्ते जम्मू कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराकर पाकिस्तान दहशत फैलाने की बड़ी साजिश रच रहा है। सांबा सेक्टर में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जमीन धंसने के बाद मिली सुरंग इसी घिनौनी साजिश का हिस्सा है। पाकिस्तान से आने वाली यह सुरंग कोई आम सुरंग नहीं है, यह उन सुरंगों के नेटवर्क की साजिश का एक हिस्सा है, जिनके जरिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के आतंकी प्रदेश में घुसपैठ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलवामा हमले की साजिश का मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर फारूक हो या कश्मीर में सक्रिय जैश कमांडर मोहम्मद इस्माइल, दोनों ने अपने कुछ अन्य साथियों के साथ सांबा सेक्टर के रास्ते घुसपैठ की थी। इस सुरंग की मौजूदगी के बाद इस बात की आशंका भी बढ़ गई है कि सतर्क बीएसएफ कर्मियों की निगाह से बचने के लिए ये आतंकी ऐसी ही किसी सुरंग से घुसे होंगे।

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बीते आठ वर्षों में जम्मू संभाग में अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटे इलाकों में सात सुरंगें मिली हैं। हैरानी की बात है कि इनमें से अधिकांश सांबा सेक्टर में ही मिली हैं। इससे भी बड़ी हैरानी यह है कि सुरंग मिलने के बाद बीएसएफ के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अन्य सुरंगों के होने की आशंका में जेसीबी मशीनों व अन्य उपकरणों से कई बार खोदाई की, लेकिन कुछ नहीं मिला। इस बीच, सितंबर 2018 में झज्जर कोटली में जब जैश के आतंकी एक ट्रक में श्रीनगर जाते हुए सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे, उस समय भी छानबीन में पता चला था कि ये आतंकी सांबा और हीरानगर सेक्टर के बीच ही पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में घुसे थे। इस साल जनवरी में भी जब नगरोटा में ट्रक में छिपे आतंकी मुठभेड़ में मारे गए तब भी यही तथ्य सामने आया। अलबत्ता, बीएसएफ ने हर बार यह जरूरत कहा कि उसके कार्याधिकार क्षेत्र में तारबंदी कहीं नहीं कटी है, इसलिए घुसपैठ नहीं हुई है।

बड़ी साजिशें हो चुकीं अब तक

वर्ष 2018 की शुरुआत में खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि सांबा-हीरानगर हिस्से में अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते आतंकियों का दस्ता घुसपैठ करने वाला है। घुसपैठ हुई, लेकिन घुसपैठिए नहीं पकड़े जा सके थे। बाद में पता चला था कि उनमें से एक उस्मान हैदर था जो 31 अक्टूबर 2018 को त्राल में मारा गया। वह भी कथित तौर पर सुरंग के रास्ते ही सांबा-हीरानगर इलाके में घुसा था। पुलवामा हमले के मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर फारूक को सांबा सेक्टर से कश्मीर पहुंचाने वाले इकबाल राथर ने खुद माना है कि वह जैश के 22 पाकिस्तानी कमांडरों को वर्ष 2017 से सितंबर 2018 तक अपने ट्रक के जरिए जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटे इलाकों से कश्मीर में सुरक्षित पहुंचा चुका है।

परंपरागत तरीके से घुसपैठ मुश्किल

सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ पूर्व आइपीएस अधिकारी अशकूर वानी ने कहा कि जिस तरह से बीते कुछ सालों से अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर चौकसी बढ़ी है, उसके कारण परंपरागत तरीकों से आतंकियों के लिए घुसपैठ करना मुश्किल होता जा रहा है। इसलिए आतंकी अब सुरंग का इस्तेमाल कर रहे हैं।

पूरा ब्यौरा होता है आतंकियों के पास

सांबा, हीरानगर, आरएसपुरा और अखनूर सेक्टर में जहां भी सुरंग मिली है, वहां जमीन काफी नरम है। इसके अलावा वहां खुले खेत हैं। वर्तमान में सुरंग खोदने के लिए कई अत्याधुनिक मशीनें और उपकरण हैं, जो बिना शोर मचाए काम करते हैं। सुरंग के जरिए आतंकी एक निश्चित जगह तक आसानी से पहुंच जाते हैं। इसके बाद वहां से उन्हें उनके गाइड उनकी मंजिल तक ले जाते हैं। सुरंग जब जिस जगह तैयार की जाती है, उसका पूरा ब्यौरा आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के पास रहता है। इसमें पाकिस्तान सेना और रेंजर अपने इलाके में आतंकियों को पूरा सहयोग करते हैं।

कब-कब मिली सुरंग

30 सितंबर 2017- आरएसपुरा सेक्टर के अरनिया इलाके में।

4 फरवरी 2017- सांबा सेक्टर के अंतर्गत रामगढ़ सब सेक्टर में।

तीन मार्च 2016- आरएसपुरा सेक्टर में।

चार मई 2014- सांबा सेक्टर के चलयारी में।

23 अगस्त 2014- अखनूर सेक्टर में चकला इलाके में।

28 जुलाई 2012- सांबा के चचवाल इलाके में।


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