Emergency declare in PoK: गुलाम कश्मीर के मुजफ्फराबाद में भड़की आजादी की आग को रोकने के लिए पाकिस्तान ने लगाई इमरजेंसी
पाकिस्तान सरकार ने लोगों की आवाज को दबाने के लिए मुजफ्फराबाद में इमरजेंसी लगा दी है। लोगों को सड़कों पर निकलने की मनाही है।
राजौरी, जेएनएन। गुलाम कश्मीर में रहने वाले लोगों ने पाकिस्तान से आजादी पाने के लिए आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। 72 सालों से पाकिस्तान की गुलामी झेल रहे मुजफ्फराबाद के लोगों ने इस दिन को काले दिवस के रूप में मनाते हुए विरोध रैली भी निकाली। शांतिपूर्वक विरोध रैली में आजादी के हक में नारे लगा रहे लोगों पर पाकिस्तान पुलिस ने अचानक लाठी-चार्ज कर दिया जिसमें दो लोगों की मौत जबकि 80 से अधिक घायल हो गए। यही नहीं पुलिस की इस बर्बरता को बयां करने के लिए शाम को जब आल इंडीपेंडेंट पार्टिज एलायंस (एआइपीए) ने पत्रकारवार्ता बुलाई तो पुलिस ने पत्रकारों को भी नहीं छोड़ा। संवाददाता सम्मेलन के दौरान ही पुलिस ने लाठियां बरसाना शुरू कर दिया और पत्रकारों व एआइपीए के सदस्यों को दौड़ा-दौड़ाकर मारा। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक पत्रकार गंभीर रूप से घायल हो गए। आजादी की बुलंद हो रही आवाज को दबाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने गुलाम कश्मीर के मुजफ्फराबाद में इमरजेंसी लागू कर दी है।
वर्ष 1947 जब देश अंग्रेजों से आजाद हुआ तब जम्मू-कश्मीर पर कब्जा करने के लिए कबायलियों ने हमला बोल दिया। उस दौरान जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों पर पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया जिसे गुलाम कश्मीर कहा जाता है। मुजफ्फराबाद के लोगों ने यह दिन काले दिवस के रूप में मनाते हुए इस दिन कस्बे में रैली निकाले का निर्णय लिया था। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भारी संख्या में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए थे। प्रदर्शनकारियों को सरकार विरोधी प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार करते हुए पुलिस ने कथित रूप से आंसू गैस के गोले का उपयोग किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उन पर लाठीचार्ज भी किया। इस दौरान दो नागरिक मारे गए जबकि 80 से अधिक घायल हो गए।
सूत्रों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों रैली निकालने से पहले प्रबंधन को यह जानकारी दी थी कि वे यह रैली शांतिपूर्ण निकाल रहे हैं। वह केवल चाहते थे कि उनकी यह आवाज सरकार के कानों तक पहुंचे और उन्हें उनके अधिकार देने के लिए कदम उठाए जाएंगे। परंतु ऐसा करने के बजाय प्रशासन ने उनकी आवाज दबाने का प्रयास किया। पुलिस ने लाठीचार्ज व अांसू गैस के गोले दागते समय बच्चों का लिहाज भी नहीं किया। पुलिस लाठीचार्ज की सूचना के दौरान स्कूल प्रबंधनों ने बच्चों को छुट्टी दे दी। बच्चे जब स्कूल से बाहर निकल रहे थे, उसी समय पुलिस ने भीड़ पर अांसू गैस के गोले दागना शुरू कर दिए। यह तो गनिमत थी कि इस दौरान कोई बच्चा घायल नहीं हुआ।
पाकिस्तान सरकार ने लोगों की आवाज को दबाने के लिए मुजफ्फराबाद में इमरजेंसी लगा दी है। लोगों को सड़कों पर निकलने की मनाही है। यही नहीं विदेशी और स्थानीय मीडिया पर मुजफ्फराबाद जाने पर पाबंदी लगा दी गई है।