Jammu Kashmir: कश्मीर में दम तोड़ रहा आतंकवाद, ना'पाक ने आतंकी संगठनों से कहा- कैडरों की संख्या बढ़ाएं
हिज्बुल मुजाहिदीन ने भी खैबर-पख्तूनख्वा के जंगलों में एक नया कैंप तैयार किया है जिसमें करीब 400 कैडरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। एजेंसियों ने यह जानकारी भी दी है कि अल-बदर भी बांग्लादेश के रास्ते अपने कैडरों को जम्मू-कश्मीर भेजने के लिए सीमा पर बैठा हुआ है।
श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर में दम तोड़ता आतंकवाद औरसामान्य होते हालात हमारे पड़ोसी देश को रास नहीं आ रहे हैं। पाकिस्तान में विपक्षी दलों के लगातार बढ़ रहे दबाव की वजह से कश्मीर को एक बार फिर देश-विदेश की नजरों में लाने के लिए पाकिस्तानी सेना व आइएसआइ ने कश्मीर में कई अहम इलाकों में आतंकी हमलों की योजना बनाई है। आइएसआइ ने पाकिस्तान में बैठ घाटी में आतंकवाद को हवा दे रहे सभी आतंकी संगठनों के आकाओं को भी सीमा पर बनाए गए लॉचिंग पैड पर कैडरों की संख्या बढ़ाने और घुसपैठ के प्रयास तेज करने के लिए कहा है ताकि कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक किसी न किसी तरह हथियार व अन्य रसद पहुंचाया जा सके।
सैन्य सूत्रों का यह भी कहना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के वापस लौटने के बाद पाकिस्तान और वहां सक्रिय आतंकी संगठनों का अब पूरा ध्यान भारत की ओर है। आइएसआइ ने इन आतंकी संगठनों को अधिक से अधिक कैडर तैयार करने के लिए कहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को यह भी पता चला है कि पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि वे कश्मीर में फिर से ऐसे हालात पैदा करें जिससे एक बार फिर बाकी देशों का ध्यान उस पर पड़े।
कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन बार-बार पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से मदद मांग रहे हैं। उन्हें यह संदेश दिए जा रहे हैं कि सेना व जम्मू-कश्मीर पुलिस की उन पर दिन-प्रतिदिन बढ़ती सख्ती के कारण कैडरों की भर्ती में कमी आई है। अब हथियार और अन्य रसद भी न के बराबर है। ऐसे में उनके लिए हमलों को जारी रखना मुश्किल हो रहा है। नगरोटा बन टोल प्लाजा पर गत दिनों सुरक्षाबलों द्वारा मार गिराए गए जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों से भारी मात्रा में हथियार व गोलाबारूद बरामद हुआ था। पाकिस्तान से हथियारों की इतनी बड़ी खेप लेकर घाटी जा रहे इन चार आतंकियों की कश्मीर पहुंचकर बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना थी। यह योजना क्या थी पुलिस इसका पता लगा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों से यह जानकारी मिली है कि इन चारों आतंकियों को हथियारों के साथ जम्मू-कश्मीर भेजने की योजना जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती रऊफ असगर की थी। यह भी बताया गया है कि जैसे ही उसे यह जानकारी मिली कि उसके द्वारा भेजे गए चारों आतंकी मारे गए हैं और हथियारों की खेप भी पकड़ी गई है तो उसने उसी समय कश्मीर घाटी में अपने संगठन को यह मैसेज भेजा कि उन तक सप्लाई पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। आपको जानकारी हो कि मुफ्ती असगर, जैश प्रमुख मसूद अजहर का छोटा भाई है।
आइएसआइ के आदेश के बाद लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) नियंत्रण रेखा से सटे गुलाम कश्मीर में नीलम घाटी में मुजफ्फराबाद के चेलाबांदी कैंप अपने कैडर जुटा रहा है। हिज्बुल मुजाहिदीन ने भी खैबर-पख्तूनख्वा (KPK) में ओघी के जंगलों में एक नया कैंप तैयार किया है जिसमें करीब 400 कैडरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। एजेंसियों ने यह जानकारी भी दी है कि अल-बदर भी बांग्लादेश के रास्ते अपने कैडरों को जम्मू-कश्मीर भेजने के लिए सीमा पर बैठा हुआ है।
इन सबसे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में आतंकी संगठन कश्मीर में आतंकवाद की आग भड़काने के लिए अपने प्रयास तेज करेंगे। आपको यह भी बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद से अब तक पाकिस्तान आतंकवादियों की घुसपैठ के इरादे से नियंत्रण रेखा पर 3600 से अधिक बार सीजफायर का उल्लंघन कर चुका है। यही नहीं दो दर्जन से अधिक बार घुसपैठ के प्रयास भी हो चुके हैं। जिन्हें हमारी सेना ने हर बार विफल बनाया है।
सेना ने खुफिया एजेंसियों से लगातार मिल रही इन चेतावनियों के बाद सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है। यही नहीं जिन इलाकों से घुसपैठ की अधिक आशंका रहती है, वहां स्नाइपर तैनात किए गए हैं। दिन हो या रात चाैबीस घंटे जवानों की नजर सीमा पर है।