पाकिस्तान को डरा रहा फौज का जोश, डर छिपाने के लिए ही बेगुनाह लोगों पर दाग रहा गोले
जम्मू से लगती सीमा के निकट रहने वाले लोगों का जोश इस समय हाई है। दशकों से गोलाबारी का सामना कर रहे लोगों का कहना है कि यहां शेर बसते हैं।
जम्मू, विवेक सिंह। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को शह दे रहे पाकिस्तान को इस समय भारतीय फौज का जोश और सीमा पर रहने वाले भारतवासियों का हौसला डरा रहा है। इसलिए दुश्मन अपना डर छिपाने के लिए ही सरहदी इलाकों में बेगुनाह लोगों पर गोले दाग रहा है। एक तरफ भारतीय थलसेना व वायुसेना दुश्मन को तहस नहस करने के लिए एक आदेश का इंतजार कर रही है, वहीं सीमांत क्षेत्रों के बहादुर लोग गांव खाली कर पीछे आने के बजाए अपने घरों में ही डटे हैं और रोज-रोज की लड़ाई से तंग आकर युद्ध चाहते हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा से नियंत्रण रेखा पर बसे हजारों गांव के लोग आर-पार की लड़ाई जाते हैं।
सीमा पर शेर बसते हैं : जम्मू से लगती सीमा के निकट रहने वाले लोगों का जोश इस समय हाई है। दशकों से गोलाबारी का सामना कर रहे लोगों का कहना है कि यहां शेर बसते हैं। हमारी चमड़ी से डर निकल चुका है, ऐसे में पाक की गोलाबारी व युद्ध हमें डरा नहीं सकता। युद्ध हुआ तो बिना वर्दी वाले सीमा के सैनिक फौज के साथ मिलकर लड़ेंगे। अरनिया के जवोबाल के अवतार ने कहा कि युद्ध में भी गोले पड़ेंगे और अब भी गोले ही पड़ रहे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि पाकिस्तान की गोलाबारी के दौरान हम कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन युद्ध हुआ तो हम घरों में छिपेंगे नहीं, देश की खातिर लडऩे को बाहर आ जाएंगे।
डर छिपाने के लिए गोलाबारी
कुछ दिनों में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तानी की सारी हेकड़ी निकल चुकी है। अब सीमा पर गोलाबारी यह साबित करने के लिए की जा रही है कि वह युद्ध सामने देखकर डरा नहीं है। इसी बीच, पाकिस्तान ने वीरवार को भी जम्मू संभाग के पुंछ, राजौरी व जम्मू जिले में नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी जारी रखी।
बाना सिंह बोले, युद्ध हुआ तो फिर बंदूक उठाऊंगा
सीमा पर बसने वाले बहादुरों में परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह भी हैं, जो एक बार फिर बंदूक उठाकर पाक के साथ लडऩे को तैयार हैं। बाना सिंह का कहना है कि अगर युद्ध होता है तो उनके साथ जम्मू कश्मीर के सभी पूर्व सैनिक देश की खातिर फिर बंदूक उठाकर लडऩे के लिए आ जाएंगे। वह जम्मू के सीमावर्ती आरएसपुरा के कादियाल के निवासी हैं। पाक हमसे आमने-सामने युद्ध लडऩे की ताकत नहीं रखता है। वर्ष 1971 के युद्ध में भी हमने उन्हें मारा था। अब हमारी सेना पहले से बहुत मजबूत है। जब आतंकवादी हमले में हमारे 40 वीर शहीद हुए तो पूरा देश सड़कों पर आ गया था, इसी से अंदाजा लगाएं कि जब युद्ध होगा तो देश क्या करेगा।