चीन के साथ पाक भी चल रहा चालबाजियां, गुलाम कश्मीर के अस्पतालों में आधे बेड खाली रखने के आदेश
मई में जब पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच तनाव शुरू हुआ था तो उस समय भी चीन की सेना जिसे पब्लिक लिबरेशन आर्मी भी कहते हैं के अधिकारियाें का एक दल गुलाम कश्मीर में था।
श्रीनगर, नवीन नवाज। लद्दाख में चीन से भारत के बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना भी साजिशों में जुट गई है। शायद इसीलिए नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्रों में ऑपरेशनल तैयारियों को तेज कर दिया है। कोरोना संक्रमण के बावजूद पाकिस्तानी सेना ने गुलाम कश्मीर के अस्पतालों में 50 फीसद बिस्तर पाकिस्तानी सेना के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया गया। इतना ही पाकिस्तानी वायुसेना के तीन एयरबेस को भी अलर्ट पर रखा गया है। चीनी वायुसेना के अधिकारियों की एक टीम ने भी कथित तौर पर इनका एयरबेस का जायजा लिया है। हालांकि भारतीय सेना पहले से ही सजग है और उसकी हर साजिश का करारा जवाब देने के लिए चौकसी बनाए हुए है।
संबधित सूत्रों के अनुसार चीन ने पूर्वी लद्दाख और पूर्वाेत्तर भारत में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन पाकिस्तान के साथ पूरी रणनीति तय करने के बाद ही किया है। उन्होंने बताया कि मई माह के दौरान जब पूर्वी लद्दाख में जब चीन की हरकत आरंभ हुई, उसी दौरान चीन की पब्लिक लिबरेशन आर्मी (पीएलए)के अधिकारियाें का एक दल गुलाम कश्मीर में था। यह दल वहां करीब 10-12 दिन रुका और इसने वहां पाकिस्तानी सेना की कई अग्रिम चौकियों और कुछ खास आतंकी शिविरों का दौरा किया। चीनी दल के दौरे के दौरान गुलाम कश्मीर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद रखा गया था। उन्हीं इलाकों से पिछले दो माह से भारतीय ठिकानों पर गोलाबारी में तेजी देखने काे मिली है।
उन्होंने बताया छह दिन पूर्व पाकिस्तानी सेना के जनरल कमर जावेद बाजवा ने गुलाम कश्मीर के स्वास्थ्य मंत्री मुहम्मद नजीब नकी खान को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने गुलाम कश्मीर में सभी अस्पतालों में 50 फीसद बेड सेना के लिए आरक्षित रखने के साथ ही रक्त बैंक की भी पूरी व्यवस्था करने के लिए भी कहा है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही पाकिस्तानी वायुसेना ने के तीन बड़े एयरबेस खंडवारी, रहीम यारखान और सक्खर को भी अलर्ट रखा गया है। इन एयरबेस पर भी बीते चीन की वायुसेना के अधिकारियों का एक दस्ता आया था। पिछले सोमवार से इन एयरबेस से पाकिस्तानी सेना के लड़ाकू विमानों की अभ्यास उड़ानों की संख्या में असामान्य बढ़ाेतरी देखी गई है।
सूत्रों ने बताया कि चार माह में पाकिस्तानी सेना ने अपनी ऑपरेशनल कोर को हीरानगर, छंब और गुलाम कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय रखा हुआ है। इसके अलावा उसने आर्टिलरी और आर्म्ड रेजिमेंट को पुंछ के सामने और नीलम घाटी के अगले हिस्से में तैनात किया है। इसके अलावा चकौटी इलाके में उसकी गतिविधियां तेज हुई हैं।
यूं समझें पाक की तैयारी के मायने: रक्षा से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि पाकिस्तानी सेना की इन गतिविधियों का दो तरह से लिया जा सकता है। पहला यह कि पाकिस्तान काे लगता है कि भारत किसी भी समय गुलाम कश्मीर को छुड़ाने के लिए हमला कर सकता है या फिर गुलाम कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई करेगा। दूसरा, वह चीन के साथ जारी भारत के सैन्य तनाव का फायदा उठाने की फिराक में है। सभी जानते हैं कि पाकिस्तान में चीन का दखल बहुत बढ़ चुका है। कई मामलों में वहां की सेना गुलाम कश्मीर में चीन के इशारे पर ही कार्रवाई करती है। इसलिए अगर भारत-चीन में तनाव बढ़ता है तो चीन चाहेगा कि गुलाम कश्मीर स्थित अस्पताल, पाकिस्तान के एयरबेस और सेना की मदद उसे मिले। इसके अलावा पाकिस्तान की सेना चीन के साथ भारत के युद्ध की स्थिति में उत्तरी कश्मीर में कारगिल दोहराने के मंसूबा भी पाल रही है।
सेना करारा जवाब देने को तैयार: उन्होंने बताया कि भारतीय सेना न सिर्फ चीन की सैन्य गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रही है बल्कि वह गुलाम कश्मीर में पाकिस्तानी सेना की हर हरकत का भी लगातार आकलन कर रही है। पाकिस्तानी सेना के मंसूबों से निपटने के लिए सेना ने अपनी पूरी तैयारी कर रखी है। पूर्वी लद्दाख में चीन को गलवन में जैसा जवाब मिला है, उससे भी वह सकपकाया है और अपनी इज्जत बचाने के लिए सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। उन्हाेंने बताया कि जनरल एमएम नरवने ने लद्दाख में खुद हालात का जायजा लिया है। इस दौरान उन्होंने उत्तरी कमान प्रमुख के साथ पाकिस्तानी सेना की संभावित गतिविधियों पर भी चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना चीन और पाकिस्तानी सेना के मंसूबों को अच्छी तरह समझती है,इसके आधार पर उसने भी एक साथ दोनों मोर्चाें की किलेबंदी भी की है।