Militancy In Jammu Kashmir : जम्मू संभाग में पूर्व आतंकियों को फिर हथियार पकड़ाने लगा पाक
नए षड्यंत्र के तहत आइएसआइ जिहादी संगठनों ने सबसे पहले पंजाब और जम्मू संभाग के सीमावर्ती क्षेत्रों के नशा तस्करों को हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए जोड़ना शुरू किया। जम्मू संभाग के सीमावर्ती इलाकों विशेषकर नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में अपनी गतिविधियां फिर से शुरू की।
जम्मू, नवीन नवाज : जम्मू कश्मीर पुलिस ने ऊधमपुर बस स्टैंड पर आठ घंटे के भीतर दो बसों में हुए बम धमाकों की गुत्थी तीन दिन में सुलझा ली है। इन धमाकों की जांच में जो नया षड्यंत्र सामने आया है वह हैरान करने वाला है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और उसके द्वारा पाले हुए आतंकी संगठन जम्मू संभाग में पूर्व आतंकियों के हाथों में फिर से हथियार पकड़ाने की फिराक में है।
ऊधमपुर बम धमाकों पर बातचीत के दौरान पुलिस महानिदेशक दिलबाग ङ्क्षसह ने कहा कि आतंकी संगठनों के बहकावे में पूर्व आतंकी फिर से हिंसाकी राह पर चल पड़े हैं। पूर्व आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखती है।पाकिस्तान के इस मंसूबे से निपटने के लिए पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
जम्मू कश्मीर पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुरक्षाबलों के प्रहार से कश्मीर में आतंकी दबाव में हैं। स्थानीय स्तर पर नए आतंकी खोजे नहीं मिल रहे हैं। अगर मिलता भी है तो जल्द मारा जाता है। आम लोग आतंकियों को दुत्कारने लगे हैं। इसलिए सुरक्षाबलों का ध्यान बंटाने व पूरे जम्मू कश्मीर को आतंकी हिंसा से ग्रस्त जताने की मंशा से ही जिहादी संगठन अब जम्मू संभाग में हरकतें कर रहे हैं। यह साजिश आइएसआइ और पाकिस्तानी सेना ने आतंकी संगठनों के साथ मिलकर रची है।
जम्मू संभाग के राजौरी, पुंछ, डोडा, रियासी, रामबन, किश्तवाड़ कभी आतंकियों का गढ़ माने जाते थे। सुरक्षाबलों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से इन इलाकों को आतंकी हिंसा से मुक्त करा लिया। अब कुछ समय से इन जिलों में सक्रिय रहे पुराने आतंकियों से संपर्क कर और ओवरग्रांउंड वर्करों का एक नया नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इसी सिलसिले में कई आतंकी वारदात भी हुई हैं।
पाकिस्तान इस तरह पसार रहा जाल : नए षड्यंत्र के तहत आइएसआइ और जिहादी संगठनों ने सबसे पहले पंजाब और जम्मू संभाग के सीमावर्ती क्षेत्रों के नशा तस्करों को हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए जोड़ना शुरू किया। इसके बाद जम्मू संभाग के सीमावर्ती इलाकों, विशेषकर नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में अपनी गतिविधियां फिर से शुरू की। आइएसआइ का आतंकी संगठनों को फरमान है कि वह जम्मू संभाग के पहले उन्हीं इलाकों में नेटवर्क बढ़ाए जो पहले कभी आतंकी हिंसा से ग्रस्त रहे हैं और सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील माने जाते हैं।
- किश्तवाड़ और डोडा में वर्ष 2021 से पहले ही आतंकी गतिविधियां बढऩे लगी थीं, जबकि राजौरी, पुंछ घुसपैठ की दृष्टि से संवेदनशील थे। नवंबर-दिसंबर 2020 के बाद से राजौरी, पुंछ, रियासी, डोडा, ऊधमपुर के हालात का आकलन करें तो आप खुद समझेंगे कि जैसे-जैसे कश्मीर में आतंकियों पर दबाव बड़ा है, वहां आतंकी कैडर घटा है और हालात में सुधार आया है। लेकिन अब आतंकी संगठनों की नजर में जम्मू संभाग है। - अशकूर वानी, सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक, जम्मू कश्मीर
जम्मू संभाग में इन आतंकी हरकतों से समझें षडय़ंत्र
- राजौरी व पुंछ में दिसंबर 2020 में आतंकियों के तीन ओवरग्राउंड वर्कर पकड़े गए थे। इसके चंद दिन बाद ही पुलिस ने डब्बी इलाके में दो पिस्तौल और दो ग्रेनेड बरामद किए।
- 23 जनवरी 2021 को पुंछ में डोबा मोहल्ला मंडी के जंगल में हथियार बरामद हुए। इसके बाद सुरनकोट के भाटाधुलियां जंगल में मुठभेड़ में पांच सैन्यकर्मियों का बलिदान हो गए, लेकिन आतंकी कथित तौर पर भाग निकले। इसी दौरान घुसपैठ की कोशिशें और राजौरी में बम धमाके भी हुए।
- इसी वर्ष राजौरी में बम धमाकों के अलावा 11 अगस्त को एक सैन्य चौकी पर आत्मघाती आतंकियों का हमला हुआ। इसमें चार सैन्यकर्मी बलिदानी हुए और दो आतंकी मारे गए। तीन दिन बाद राजौरी में फिर मुठभेड़ हुई।
- इसी वर्ष रियासी में माहौर के ग्रामीणों ने आतंकी तालिब को पकड़ा था। इससे पता चला कि आतंकी जम्मू संभाग के भीतरी इलाकों में विशेषकर रियासी, रामबन और ऊधमपुर तक में सक्रिय होने लगे हैं।
- इसी वर्ष कटड़ा में एक बस में और मार्च में ऊधमपुर के सलाथिया चौक पर धमाका किया गया।
- इस वर्ष 18 जुलाई को पूर्व आतंकी फैजल मुनीर को हथियारों के साथ पकड़ा गया। वह ड्रोन से 30 से अधिक बार गिराए हथियार ठिकाने पहुंचा चुका था। फैजल को 2002 में जम्मू के हरि ङ्क्षसह स्कूल के पास अमरनाथ यात्रियों पर हमले में सजा हुई थी।