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पाक ने किया युद्ध के दौरान होने वाले गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल, आईबी पर अलर्ट

पाकिस्तान ने इस बार राजौरी में भारतीय सेना की चौकी को निशाना बनाने के लिए मिसाइल का इस्तेमाल किया है। ऐसा चौकी पर सटीक निशाना दागने की मंशा से किया गया है

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 10:02 AM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 10:15 AM (IST)
पाक ने किया युद्ध के दौरान होने वाले गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल, आईबी पर अलर्ट
पाक ने किया युद्ध के दौरान होने वाले गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल, आईबी पर अलर्ट

जम्मू, [राज्य ब्यूरो]। नियंत्रण रेखा पर खून-खराबे की मंशा से कैप्टन समेत चार सैनिकों को शहीद करने के बाद सीमा पार से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी गोलाबारी की साजिशें हो सकती है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने इस बार राजौरी में भारतीय सेना की चौकी को निशाना बनाने के लिए मिसाइल का इस्तेमाल किया है। ऐसा चौकी पर सटीक निशाना दागने की मंशा से किया गया है। ऐसे हालात में सीमा सुरक्षा बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी हाई अलर्ट कर अपने जवानों को कड़ी एहतियात बरतने की हिदायत दी है।

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देर शाम वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए गए हैं। जम्मू में पाकिस्तान की ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 22 जनवरी तक भारी गोलाबारी कर लोगों को जानमाल का भारी नुकसान पहुंचाया गया था। लोग 26 जनवरी के बाद ही अपने घरों को लौटे थे। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने बड़ा हमला कर संकेत दे दिए हैं कि वह नियंत्रण रेखा के बाद सीमा पर भी कोई नापाक साजिश रच सकता है।

मुख्यमंत्री ने जवानों की शहादत पर शोक जताया: मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान की गोलाबारी में सेना के जवानों के शहीद होने पर दुख का इजहार किया है।उन्होंने रविवार देर शाम सोशल साईट ट्वीटर पर इन शहादतों पर दुख जताने के साथ शहीद हुए सैनिकों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति सांत्वना जताई है। इसी बीच शहीद होने वाले चार सैनिकों में से दो जम्मू संभाग के सांबा और कठुआ जिले के हैं।

 युद्ध के दौरान होता है गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल

जम्मू संभाग के जिला राजौरी के नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने पहली बार बॉर्डर पर गाइडेड मिसाइल 80 जीएम का इस्तेमाल कर भारतीय सेना के चार सपूतों की जान ले ली। शहीदों में एक जम्मू के सांबा और दूसरा कठुआ जिले के रहने वाले हैं। इस तरह की मिसाइल का इस्तेमाल युद्ध के दौरान होता है। लेकिन पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देकर अपनी बौखलाहट को दर्शा दिया कि वह कोई भी ओछी हरकतें कर सकता है। यह गाइडेड मिसाइल राकेट लांचर की तरह होती है, जो टारगेट पर सटीक बैठती है। इससे जानमाल का काफी नुकसान हो सकता है।

शुभम ने अप्रैल में घर आने का किया था वादा:

भारतीय सेना के शहीद दो जवान कठुआ और सांबा के रहने वाले थे। जैसे ही कठुआ जिले के मढीन तहसील के मुकंदपुर गांव में राइफलमैन शुभम सिंह की शहादत की खबर रविवार रात करीब दस बजे पहुंची तो गांव में शोक की लहर दौड़ गई। बेटा घरवालों से वादा कर गया था कि वह अप्रैल में घर का निर्माण करवाएगा, लेकिन मुकद्दर को कुछ और ही नसीब था। पिता पुरुषोतम सिंह को यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा क्योंकि वह पहली फरवरी को ही घर से छुट्टी काटने के बाद राजौरी में ड्यूटी पर गया था। 23 वर्षीय शुभम घर को चलाने वाला एकमात्र सहारा था, जिसके बलबूते परिवार ने कई सपने संजोए। परिवार में उसकी तीन बहनें और एक भाई हैं। बड़ी बहन की तो शादी हो चुकी है। जबकि बहन आरती एमए कर रही है। दूसरी सुषमा बारहवीं की छात्रा है। छोटा भाई रजत दसवीं में पढ़ रहा है। मां संतोष का तो गुमसुम है। उसे यकीन ही नहीं हो रहा कि बेटा अब इस दुनिया में नहीं है।दूसरा शहीद हवलदार रोशन लाल गांव घगवाल कस्बे का रहने वाला है, जहां गांववासियों को यकीन नहीं हो रहा कि गांव का सपूत अब इस दुनिया में नहीं है। 


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