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Pulwama Attack : पाक ने पुलवामा हमले के लिए उमर फारूक के खाते में जमा करवाए थे दस लाख रुपये

पुलवामा हमले से कुछ समय पहले ही जैश कमांडर और हमले के मुख्य आरोपित मोहम्मद उमर फारूक के पाकिस्तान में एलाइड और मीजान बैंक में उसके तीन खातों में 10 लाख रुपये जमा हुए थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 10:46 AM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 10:46 AM (IST)
Pulwama Attack : पाक ने पुलवामा हमले के लिए उमर फारूक के खाते में जमा करवाए थे दस लाख रुपये
Pulwama Attack : पाक ने पुलवामा हमले के लिए उमर फारूक के खाते में जमा करवाए थे दस लाख रुपये

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : पुलवामा हमले से कुछ समय पहले ही जैश कमांडर और हमले के मुख्य आरोपित मोहम्मद उमर फारूक के पाकिस्तान में एलाइड और मीजान बैंक में उसके तीन खातों में 10 लाख रुपये जमा हुए थे। यह राशि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने जमा करवाई थी। यह राशि कुछ ही दिनों में इंटरनेट बैंकिंग के जरिए अन्य खातों में स्थानांतरित हुई थी। उमर फारूक ने इन पैसों में से करीब छह लाख रुपये विस्फोटक और हमले में प्रयुक्त इको कार खरीदने पर खर्च किए थे।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 14 फरवरी 2019 का लेथपोरा (पुलवामा) में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की गुत्थी को सुलझाते हुए गत मंगलवार को जम्मू स्थित एनआइए की विशेष अदालत में 19 आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। आरोपितों में जैश सरगना मसूद अजहर, रउफ असगर और उमर फारूक भी शामिल हैं। छह आरोपित मारे जा चुके हैं और सात पकड़े जा चुके हैं। मुख्य आरोपी पाकिस्तानी कमांडर मोहम्मद उमर फारूक था, जो मसूद अजहर का भतीजा था। उमर फारूक अपने एक अन्य चचेरे भाई इस्माइल के साथ अप्रैल 2018 में सांबा सेक्टर के रास्ते कश्मीर में घुसा था। उमर फारूक अपने एक अन्य साथी संग पुलवामा हमले के चंद दिनों बाद दक्षिण कश्मीर के पिंगलिश इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

एनआइए ने अपने आरोप पत्र में बताया है कि पुलवामा हमले को अंजाम देने के लिए जैश आतंकी मोहम्मद उमर फारूक को पाकिस्तानी करंसी में 10 लाख रुपये मिले थे। यह पैसा उसे नकद नहीं बल्कि पाकिस्तान में स्थित एलाइड और मीजान बैंक में उसके तीन खातों में जैश व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की तरफ से जमा किए गए थे। यह राशि जनवरी 2019 के दौरान अलग-अलग किश्तों मेंं जमा की गई थी। कुछ ही दिनों में यह राशि मोहम्मद उमर फारूक से जुड़े कुछ अन्य लोगों के बैंक खातों में इंटरनेट बैंकिंग के जरिए स्थानांतरित हुई थी।

एनआइए के अनुसार, करीब छह लाख रुपये की राशि विस्फोटक व मारुति इको कार व अन्य साजो सामान की खरीद पर खर्च की गई। इसमें 2.80 लाख रुपये सिर्फ कश्मीर में विभिन्न स्रोतों से विस्फोटक खरीदने पर ही खर्च किया गया। आत्मघाती हमलावर आदिल डार द्वारा हमले में इस्तेमाल मारुति कार में करीब 200 किलोग्राम विस्फोटक से तैयार आइईडी लगाई गई थी। आदिल डार का वीडियो जिस स्मार्ट फोन में रिकार्ड किया गया था, उसे खरीदने के लिए बिलाल कूचे को नकद भुगतान किया गया था। इसके अलावा हमले के लिए अन्य आवश्यक साजो सामान जुटाने और जैश आतंकियों व ओवरग्राउंड वर्करों के खर्चों को भी पूरा करने में भी इसी 10 लाख रुपये में से कुछ रकम खर्च की गई है।

एनआइए ने जांच में यह भी बताया है कि मोहम्मद उमर फारूक ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा से लेकर श्रीनगर और बडग़ाम तक जैश के लिए ओवरग्राउंड वर्करों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर रखा था। श्रीनगर के वैज उल इस्लाम ने ही ऑनलाइन शाङ्क्षपग पोर्टल अमेजन पर चार किलोग्राम एल्यूमिनियम पाउडर खरीदा था।

मसूद अजहर के आडियो ने बनाया आत्मघाती :

पुलवामा हमले को अंजाम देने वाली आदिल डार को आत्मघाती जैश के सरगना अजहर मसूद के एक आडियो वीडियो संदेश ने बनाया है। एनआइए से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जांच में पता चला है कि आदिल जैश के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम करता था। उसका एक चचेरा भाई समीर इस समय जैश का सक्रिय आतंकी है। पुलवामा हमले के लिए वाहन में लगने के लिए आइईडी तैयार करने के समय वह भी आदिल और मोहम्मद उमर फारूक के साथ मौजूद था। उन्होंने बताया कि अक्तूबर 2018 के अंत में दक्षिण कश्मीर के छन्नकतर त्राल में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था। इनमें एक जैश सरगना मसूद अजहर का भतीजा उस्मान हैदर था। उसकी मौत से हताश मसूद ने एक आडियो वीडियो संदेश जारी किया था। एनआइए ने अपने आरोप पत्र में इस आडियो वीडियो संदेश को भी शामिल किया है। मसूद के इसी आडियो वीडियो संदेश से गुमराह होकर आदिल ने उमर फारूक व अपने चचेरे भाई समीर के साथ आत्मघाती हमलावर बनने की इच्छा जताई थी। इसके बाद जैश के दो पाकिस्तानी कमांडरों ने आदिल डार को जिहादी बनने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दी थी।  


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