पाकिस्तान ने पुंछ और कठुआ में दागे मोर्टार
कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में रात को जिस समय पाकिस्तान गोलाबारी कर रहा था उसी दौरान भारतीय क्षेत्र में जय श्रीराम के जयकारे लग रहे थे।
मुंहतोड़ जवाब मिलने के बाद भी पाकिस्तानी सेना और रेंजर सुधर नहीं रहे
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जेएनएन, पुंछ/कठुआ: हताश पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर नियंत्रण रेखा तक अशांति बनाए रखने के लिए प्रतिदिन गोलाबारी कर रहा है। भारतीय सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में उसे हर बार भारी नुकसान होता है, लेकिन आतंकियों की घुसपैठ कराने की साजिश को अंजाम देने के लिए वह नियमित संघर्ष विराम तोड़ रहा है। इस बीच, पुंछ में तलाशी अभियान चलाया गया। शुक्रवार की रात को आतंकियों ने पुलिस के फ्लाइंग स्क्वायड पर पुंछ के कलाई इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर ग्रेनेड हमला किया था। इसके बाद अंधेरे में आतंकी भाग गए थे।
पुंछ जिले में पाकिस्तानी सेना ने शाम करीब साढ़े छह बजे किरनी और कस्बा इलाके में भारतीय सेना की चौकियों को निशाना बनाया। पहले छोटे और बाद में बड़े हथियारों से गोलाबारी की। भारतीय सेना ने जवाब दिया तो वह मोर्टार दागने लगा। इससे नियंत्रण रेखा के पास के करीब आधा दर्जन गांव निशाने पर आए हैं। रात तक गोलाबारी जारी थी। रात को गोलाबारी का मकसद भारतीय सेना का ध्यान भटका कर आतंकियों की घुसपैठ कराना था, लेकिन इसे विफल कर दिया गया।
वहीं, कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजरों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की मनियारी, फकीरा, कोठा पोस्टों को निशाना बनाया। मशीनगनों और मोर्टार से गोलाबारी की गई। पाकिस्तान ने यह गोलाबारी बीका चक, जगवाल क्षेत्र से की गई। वीरवार देर रात को शुरू हुई गोलाबारी शुक्रवार सुबह तक चली। मशीनगनों की गोलियां गांवों में मकानों की दीवारों से भी टकराई। बीएसएफ की 19 बटालियन ने गोलाबारी का जवाब दिया है। गोलाबारी के बीच जय श्रीराम के जयकारे
कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में रात को जिस समय पाकिस्तान गोलाबारी कर रहा था, उसी दौरान भारतीय क्षेत्र में जय श्रीराम के जयकारे लग रहे थे। दरअसल, हीरानगर सेक्टर के भगवाना, चकडा में रामलीला का मंचन हो रहा है। रात को होने वाली इस रामलीला को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। उधर, पाकिस्तान मोर्टार के गोले दाग रहा था, जिसकी आवाज इन गांवों तक पहुंच रही थी तो यहां मौजूद लोग गोलाबारी को ठेंगा दिखाकर जय श्रीराम के जयकारे लगा रहे थे। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांव भगवाना, चकड़ा और लोंडी चक में हर वर्ष रामलीला होती है।
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