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Jammu Kashmir: गुपकार गठबंधन ने फिर बदले सुर, कहा- वे सर्वदलीय बैठक के परिणाम से खुश नहीं, जारी रखेंगे सघर्ष

पीएजीडी के प्रवक्ता एमवाई तारीगामी ने आज पत्रकारों के समक्ष इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि यह तय किया है कि हम जम्मू-कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों तक पहुंचेंगे और विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिले इस पर आम राय बनाई जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 01:59 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 02:50 PM (IST)
Jammu Kashmir: गुपकार गठबंधन ने फिर बदले सुर, कहा- वे सर्वदलीय बैठक के परिणाम से खुश नहीं, जारी रखेंगे सघर्ष
पीएजीडी के सभी सदस्यों ने दिल्ली की बैठक के परिणाम पर निराशा व्यक्त की।

श्रीनगर, जेएनएन। पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने एक बार फिर अपने सुर बदल दिलए हैं। पीएजीडी नेताओं ने 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक के नतीजे पर निराशा व्यक्त की है। बैठक में जिस तरह से यह जाहिर किया गया था कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में फैली अविश्वास की भावना को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। राजनीतिक दलों के नेताओं समेत हिरासत में लिए गए अन्य लोगों को रिहा किया जाएगा, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। यह निशानाजनक बात है।

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पीएजीडी के प्रवक्ता एमवाई तारीगामी ने आज पत्रकारों के समक्ष इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि यह तय किया है कि हम जम्मू-कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों तक पहुंचेंगे और विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिले, इस पर आम राय बनाई जाएगी। आपको बता दें कि पीएजीडी की गत रविवार शाम डॉ फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में श्रीनगर में उनके आवास पर बैठक हुई। बैठक में उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, एमवाई तारीगामी, हसनैन मसूदी, जावेद मुस्तफा मीर और मुजफ्फर अहमद शाह शामिल हुए थे। यह बैठक 24 जून को दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी।

पीएजीडी प्रवक्ता तारीगामी ने कहा कि वे बैठक के परिणाम से खुश नहीं हैं। उन्होंने तय किया है कि जब तक जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनका हक दिलाने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। जब तक वे अपना अधिकार वापस नहीं ले लेते वे चैन से नहीं बैठेंगे। इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पीएजीडी जम्मू-कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों से भी बात करेगा। उनका पक्ष जानने का प्रयास करेगा।

तारीगामी ने कहा कि पीएजीडी ने इस बैठक में अपनी वचनबद्धता दोहराते हुए निर्णय लिया है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम से जम्मू-कश्मीर के लोगों को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है, इसीलिए उनकी राय जानने के लिए उन तक पहुंचना बहुत जरूरी है। हमने इस प्रक्रिया की शुरूआत की थी औ इसे आगेे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने कहा कि जहां तक जम्मूू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने की बात है तो यह संसद के पटल पर केंद्रीय गृह मंत्री समेत भाजपा के अन्य नेताओं ने स्वयं यह बात कही थी। अब उन्हें अपने वचन का सम्मान करना चाहिए। इसलिए विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के बाद ही होना चाहिए।


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