फारूक बोले - जम्मू कश्मीर में सुरक्षा नाजुक दौर में है, DDC के चुनावों को पारदर्शी बनाना सरकार की जिम्मेदारी
पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन के चेयरमैन और नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र अभी नाजुक दौर में है। जिला विकास परिषद के चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से बनाए रखना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है
जम्मू, राज्य ब्यूरो । पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन के चेयरमैन और नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र अभी नाजुक दौर में है। उन्होंने कहा कि जिला विकास परिषद के चुनाव में सुरक्षा एक चुनौती तो है लेकिन इसे पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से बनाए रखना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है।
फारूक ने जम्मू कश्मीर के चुनाव आयुक्त केके शर्मा को लिखे पत्र में कहा है कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए सुरक्षा के प्रबंध पारदर्शी होने चाहिए। जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र अभी भी नाजुक दौर में है और किसी भी सरकार को लोकतंत्र की संस्थागत बुनियाद में तबदीली करने का अधिकार नहीं है। जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र के लिए हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कुर्बानियां दी हैं। सुरक्षा की चुनौती अभी पैदा नहीं है। यह तो पिछले तीन दशक से जारी है।
कश्मीर में लोकतंत्र का सफर खूनखराबे वाला सफर रहा है
कश्मीर में लोकतंत्र का सफर खूनखराबे वाला सफर रहा है। लोकतंत्र को बचाने के लिए हजारों लोगों ने अपनी जान दी है। फारूक ने पत्र में कहा है कि लोकतंत्र में संशोधन के लिए सुरक्षा को कारण बनाया जाना उचित नहीं। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा को चुनौती करार देते हुए उन्होेंने कहा कि मौजूदा सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह सुरक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए। कुछ चयनित ग्रुपों को सुरक्षा देना और अन्य को नजरअंदाज करना लोकतंत्र में हस्तक्षेप है।
इसी बीच पीडीपी की प्रधान एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने टवीट करते हुए कहा कि पार्टी के उम्मीदवार बशीर अहमद के पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद पहलगाम नहीं जाने दिया गया है।