समग्र नीति ही भारत व पाकिस्तान को बना सकती है खुशहाल : राघवन
पूर्व राजदूत और इंडियन काउंसिल फार वलर्ड अफैयर्स केे महानिदेशक टीसीए राघवान ने कहा कि एक समग्र नीति ही भारत व पाकिस्तान को खुशहाल बना सकती है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । पूर्व राजदूत और इंडियन काउंसिल फार वलर्ड अफैयर्स केे महानिदेशक टीसीए राघवान ने कहा कि एक समग्र नीति ही भारत व पाकिस्तान को खुशहाल बना सकती है। शिक्षाविदों के विचारों के आदान प्रदान को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। एकतरफा सैन्य ताकत शांति बहाली को बढ़ावा नहीं दे सकती। करतारपुर कारिडोर एक अहम कूटनीतिक पहल है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज विभाग की तरफ से आयोजित सेमीनार को संबोधित करते हुए राघवान ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और भारतीय चुनाव आयोग से दक्षिण एशिया समेत पाकिस्तान में स्थिति पर प्रभाव डाला है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद का अभाव है। सीमित वीजा नीति से समग्र विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सेना और कूटनीतिक सत्ता में संतुलन होना चाहिए। उन्होंने पूर्व सोवियत यूनियन के अफगानिस्तान में आक्रमण को भारत के लिए अहम बताया।
सेमीनार का विषय है दक्षिण एशिया में सीमांत मुद्दे - सिंधु जल संधि, भारत और पाकिस्तान संबंध
सेमीनार को संबोधित करते हुए सिंधु जल संधि के भारतीय आयुक्त प्रदीप कुमार शर्मा ने संधि से जुडे भारत के हितों के मुद्दों को उजागर किया। उन्होंने किशन गंगा प्रोजेक्ट, शाह पुर कंडी प्रोजेक्ट, उज्ज मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि तथ्य यह भी है कि पाकिस्तान में नब्बे प्रतिशत सिंचाई का काम पारंपरिक तरीके से हो रहा है जिससे जल संसाधन के इस्तेमाल से नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि को सही तरीके से लागू करने के लिए भारत प्रभावी कदम उठा रहा है। एनएचपीसी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक बलराज जोशी ने सिंधु जल संधि के इतिहास व इससे जुड़े मुद्दों के अनेक पहलुओं को उजागर किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच विश्वास और पाकिस्तान के विश्वास में कमी का भी जिक्र किया। नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्य और कैबिनेट सचिवालय में पूर्व विशेष सचिव तिलक देवाशर ने कहा कि समय की जरूरत है कि पाकिस्तान में भारत विरोधी सोच को दूर किया जाए। सिर्फ एक पहलू को लेकर पाकिस्तान के प्रति रवैया अख्तियार करना ठीक नहीं है। सोच समझ कर पाकिस्तान के साथ नीति को बनाया जाना चाहिए।
जल और पाकिस्तान की जनसंख्या दो मुख्य रूप से मुद्दे है
जल और पाकिस्तान की जनसंख्या दो मुख्य रूप से मुद्दे है। पाकिस्तान में शिक्षा की कमी और बेरोजगारी मुख्य मुद्दे है। पाकिस्तान में सरकारी स्कूलों के नाकाम होने पर मदरसों में बच्चों को पढ़ाकर उन्हें कट्टरवाद की तरफ धकेला जा रहा है। केंद्रीय विवि जम्मू के चांसलर जी पार्थासारथी, जम्मू विवि के पूर्व वीसी प्रो. अमिताभ मट्टू, केंद्रीय विवि के वीसी प्रो. अशोक ऐमा और अन्य शिक्षाविदों ने विचार व्यक्त किए।