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Mata Vaishno Devi: 10 वर्ष से छोटे, 60 वर्ष से ऊपर आयुवर्ग के श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे वैष्णो देवी की यात्रा

जम्मू-कश्मीर के हरेक जिले में आरटीपीएस सेंटर बनाया जाएगा। जिला रियासी में आरटीपीएस सेंटर आधार शिविर कटरा में बनेगा। यह सेंटर मुख्य यात्रा पंजीकरण केंद्र के पास होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 06:19 PM (IST)
Mata Vaishno Devi: 10 वर्ष से छोटे, 60 वर्ष से ऊपर आयुवर्ग के श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे वैष्णो देवी की यात्रा
Mata Vaishno Devi: 10 वर्ष से छोटे, 60 वर्ष से ऊपर आयुवर्ग के श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे वैष्णो देवी की यात्रा

कटड़ा, राकेश शर्मा। मां वैष्णो देवी एक बार फिर अपने भक्तों पर कृपा बरसाएंगी। अगर सब ठीक रहा तो आगामी 16 अगस्त से श्रद्धालु त्रिकुटा पर्व की गुफा में विराजमान मां वैष्णो के आलोकित दर्शन कर पाएंगे। विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मां वैष्णो देवी का प्रांगण एक बार फिर श्रद्धालुओं से गुलजार होगा। श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के स्वागत की तैयारियां तेज कर दी हैं। बस अब उन्हें गृह विभाग जारी धार्मिक स्थलों को लेकर जारी होने वाले जरूरी दिशानिर्देशों यानी एसओपी का इंतजार है।

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विश्वस्त सूत्रों के अनुसार राज्य प्रशासन द्वारा जारी किए जाने वाले दिशानिर्देशों के तहत पहले चरण के दौरान 10 साल से छोटे तथा 60 साल से ऊपर के श्रद्धालुओं को फिलहाल वैष्णो देवी यात्रा की इजाजत नहीं होगी। यही नहीं केवल जम्मू-कश्मीर के निवासियों को ही वैष्णो देवी यात्रा करने की इजाजत होगी। यात्रा दिन के समय करनी होगी और रोजाना केवल 4000 से 5000 श्रद्धालु ही मां वैष्णो देवी के दर्शन कर पाएंगे। यात्रा आरंभ करने से पहले श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीएस टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा। जम्मू-कश्मीर के हरेक जिले में आरटीपीएस सेंटर बनाया जाएगा। जिला रियासी में आरटीपीएस सेंटर आधार शिविर कटरा में बनेगा। यह सेंटर मुख्य यात्रा पंजीकरण केंद्र के पास होगा।

केवल दिन को ही होगी यात्रा: कोरोना महामारी का प्रकोप जारी रहने तक श्रद्धालुओं को केवल दिन को ही यात्रा करने की इजाजत रहेगी। श्रद्धालु रात के समय ना तो भवन में प्रवेश कर पाएंगे और न ही भवन पर रहने की इजाजत दी जाएगी। इतना ही नहीं सुबह व शाम के समय मां वैष्णो देवी भवन पर होने वाली दिव्य महाआरती में भी श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाएंगे।कोरोना काल के दौरान प्रसिद्ध अर्द्धकुंवारी मंदिर की पवित्र गुफा भी श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगी। श्रद्धालु शारीरिक दूरी का पालन करते हुए केवल बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे।

प्रवेश मार्गों पर स्थापित होंगी रैपिड टेस्ट मशीन: वैष्णो देवी यात्रा आरंभ करने से पहले श्राइन बोर्ड प्रशासन मां वैष्णो देवी के सभी प्रवेश द्वार जिनमें कटड़ा स्थित हेलीपैड, बाणगंगा स्थित दर्शनी ड्योढी, ताराकोट प्रवेश द्वार, अर्द्धकुंवारी मंदिर, वैष्णो देवी भवन तथा भैरव घाटी आदि स्थानों पर अत्याधुनिक रैपिड टेस्ट मशीनें भी स्थापित करेगा। हरेक श्रद्धालु को इन मशीनों के भीतर से जाना अनिवार्य होगा। मशीनों के बीच में जाते ही श्रद्धालु के सभी तरह के बॉडी टेस्ट दर्ज हो जाएंगे। इसके अलावा श्राइन बोर्ड प्रशासन सभी प्रमुख स्थलों के बाहर अत्याधुनिक ऑटोमेटिक हैंड फ्री सैनिटाइजर मशीनें भी लगाएगा।

निर्धारित समय पर ही खोले जाएगे पंजीकरण केंद्र: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा पंजीकरण के लिए नगर के मुख्य बस अड्डे पर मुख्य पंजीकरण केंद्र के अलावा रेलवे स्टेशन, कटड़ा हेलीपैड, काॅउंटर नंबर दो, अंतर राज्य बस अड्डा, निहारिका कांपलेक्स, वैष्णो धाम जम्मू, कालिका धाम जम्मू और सरस्वती धाम जम्मू में पंजीकरण केंद्र बनाए हैं। पहले तो यह केंद्र पंजीकरण के लिए खुले रहते थे परंतु कोरोना काल के दौरान इन पंजीकरण केंद्रों के खुलने का समय भी निर्धारित कर दिया जाएगा। पहले जहां श्रद्धालुओं को तड़के 5:00 बजे से लेकर रात्रि 10:00 बजे तक यात्रा पर्ची उपलब्ध करवाई जाती थी अब मौजूदा हालत में यात्रा पंजीकरण केंद्र सुबह 5:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक करीब 2 से 3 शिफ्टों में ही खुलेगा। यानी अगर सुबह 5:00 बजे यात्रा पंजीकरण केंद्र खोला जाता है तो हर दो घंटे बाद बंद किया जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि श्रद्धालु शारीरिक दूरी का पालन करे और केंद्र को समय-समय पर सैनिटाइज किया जा सके। दोपहर 12:00 बजे के बाद किसी का पंजीकरण नहीं किया जाएगा।

श्राइन बोर्ड ने अपने सभी कर्मचारियों के सैंपल टेस्ट करवाना शुरू किए: आगामी 16 अगस्त से वैष्णो देवी यात्रा शुरू करने की संभावनाओं को लेकर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने अपने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के कोरोना संक्रमण टेस्ट करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आधार शिविर कटड़ा में स्थित आशीर्वाद भवन में इसकी व्यवस्था की गई है। रोजाना श्राइन बोर्ड प्रशासन के अधिकारी तथा कर्मचारी सैंपल देने के लिए वहां पहुंच भी रहे हैं। बोर्ड का कहना है कि यात्रा शुरू होने से पहले ऐसा किया गया है ताकि यात्रा शुरू होने पर किसी भी तरह की परेशानी ना हो।


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