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जम्मू-कश्मीर के इंजीनियिरंग कालेजों में एक हजार सीटें रह गई खाली

पच्चीस हजार के करीब विद्यार्थियों ने इस योजना के लिए आवेदन किया। हालांकि इसमें सीटें पांच हजार के करीब ही थी। जिन विद्यार्थियों को इसमें दाखिला नहीं मिला है अब उनके पास जम्मू कश्मीर के इंजीनियिरंग कालेजों में रिक्त पड़ी सीटें हासिल करने का अच्छा मौका है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 12:33 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 12:33 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर के इंजीनियिरंग कालेजों में एक हजार सीटें रह गई खाली
सरकारी और प्राइवेट कालेजों को मिलाकर सीटें 2600 है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर के सरकारी और प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेजों में पहले दौर की काउंसलिंग में 1600 सीटों को भरा गया है। एक हजार के करीब सीटें खाली रह गई है। बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन की तरफ से आयोजित दाखिला प्रक्रिया में पहले दौर की काउंसलिंग 12 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चली। बोर्ड के जम्मू और श्रीनगर कार्यालय में आयोजित की गई काउंसलिंग में 1600 विद्यार्थियों ने दाखिला ले लिया है और उक्त विद्यार्थियों को हर हाल में अलाट किए गए कालेजों में 31 अक्टूबर तक असल दस्तावेजों के साथ पहुंचना है अन्यथा उनका दाखिला मान्य नहीं होगा।

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जम्मू और श्रीनगर के सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में तो सीटें भर गई है लेकिन प्राइवेट कालेजों में सीटें खाली पड़ी हुई हैं। प्राइवेट कालेजों में दाखिला लेने का विद्यार्थियों के पास मौका है। बोर्ड के कंट्रोलर प्रो. सुनील गुप्ता ने कहा कि 31 अक्टूबर को सभी कालेजों से दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों का ब्योरा हासिल किया जाएगा। जो विद्यार्थी कालेजों में पहुंच कर दाखिला नहीं लेंगे। उस हिसाब से फिर से सीटों को भरने के लिए दूसरे दौर की काउंसलिंग का शेडयूल जारी किया जाएगा। इसकी सूचना बोर्ड की वेब साइट पर उपलब्ध करवा दी जाएगी।

बताते चले कि जम्मू-कश्मीर के इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिला के लिए इस बार कोरोना से उपजे हालात के कारण कामन एंट्रेंस टेस्ट नहीं हुआ और मेरिट पर ही दाखिले किए गए। जम्मू कश्मीर से आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 3800 के करीब थी और सरकारी और प्राइवेट कालेजों को मिलाकर सीटें 2600 है। पहले दौर की काउंसलिंग में सीटें नहीं भरी जा सकी है। इस बार विद्यार्थियों का रुझान जम्मू कश्मीर के इंजीनियरिंग कालेजों की तरफ नजर आया जबकि प्रधानमंत्री विशेष स्कालरशिप योजना के प्रति अधिक उत्साह नजर आया।

पच्चीस हजार के करीब विद्यार्थियों ने इस योजना के लिए आवेदन किया। हालांकि इसमें सीटें पांच हजार के करीब ही थी। जिन विद्यार्थियों को इसमें दाखिला नहीं मिला है अब उनके पास जम्मू कश्मीर के इंजीनियिरंग कालेजों में रिक्त पड़ी सीटें हासिल करने का अच्छा मौका है।


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