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Jammu Kashmir: ट्वीट पर मचा बवाल- वकील दीपिका राजावत ने नवरात्र पर की विवादित टिप्पणी, घर के बाहर इक्ट्ठा हुए लोग

दीपिका रजावत ने एक आपत्तिजनक तस्वीर को विडंबना लिखकर पोस्ट किया। उसके बाद ट्वीटर पर अरेस्ट दीपिका सिंह रजावत ट्रेंड होने लगा। मामला भड़का और दीपिका रजावत के खिलाफ हिंदू संगठनों ने हंगामा शुरू कर दिया। देर रात किया प्रदर्शन- ट्वीटर पर मदद मांगती और सफाई देती रहीं रजावत

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 09:34 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:41 AM (IST)
Jammu Kashmir: ट्वीट पर मचा बवाल- वकील दीपिका राजावत ने नवरात्र पर की विवादित टिप्पणी, घर के बाहर इक्ट्ठा हुए लोग
कठुआ केस की वकील दीपिका राजावत पर देवी-देवताओं के अपमान का आरोप

जम्मू, जागरण संवाददाता। कठुआ कांड में पीडि़ता पक्ष की वकील रहीं दीपिका रजावत के मंगलवार को किए एक ट्वीट पर बवाल मच गया। रजावन ने एक आपत्तिजनक तस्वीर को 'विडंबना' लिखकर पोस्ट किया। उसके बाद ट्वीटर पर 'अरेस्ट दीपिका सिंह रजावत' ट्रेंड होने लगा। मामला भड़का और दीपिका रजावत के खिलाफ हिंदू संगठनों ने हंगामा शुरू कर दिया। देर रात तक गांधी नगर स्थित उनके चैंबर के बाहर बजरंग दल ने जमकर प्रदर्शन किया। लोगों का गुस्सा बढ़ता देख दीपिका ने ट्वीट पर मदद की गुहार भी लगाई और खुद को असुरक्षित बताया।

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हालांकि उन्होंने एक वीडियो संदेश में ट्वीट की तस्वीर पर सफाई भी दी। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने दीपिका रजावत पर हिंदुओं की भावनाओं पर ठेंस पहुंचाने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग करते रहे। देर रात करीब एक बजे भी उनके चैंबर के बाहर लोगों का जमावड़ा लगा था। पुलिस लोगों को शांत करने में जुटी थी। 

सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी करने के बाद जम्मू में वकील दीपिका सिंह राजावत के घर के बाहर कुछ लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसे हटाने के लिए पुलिस ने हस्तक्षेप किया। राजावत एक समय कठुआ दुष्कर्म  और हत्या के मामले से जुड़ी रहीं थीं और कुछ समय के लिए पीड़ित परिवार की वकील थीं। घर के बाहर भीड़ इकट्ठा होने के बाद राजावत ने पुलिस को फोन कर कहा था कि वह असुरक्षित महसूस कर रही हैं। राजावत ने जनवरी 2018 में कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव में 8 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद माता-पिता की ओर से केस लड़ा था। बाद में आरोपियों को पठानकोट (पंजाब) में जिला और सत्र न्यायाधीश अदालत ने दोषी ठहरा दिया था।

वकील ने तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी पोस्ट की थी, जो कथित रूप से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली थी। यह टिप्पणी नवरात्रि उत्सव के पहले दिन की गई की गई थी, इसलिए इसने लोगों को ज्यादा आहत किया।


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