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चांद तारे की शक्ल में बार्डर पर गुब्बारा मिलने से दहशत, बंकरों में भरा पानी, कैसे सुरक्षित रहेंगे सीमांत वासी

अंतरराष्ट्रीय सीमा आरएसपुरा के सतराइयां गांव में एक पाकिस्तानी गुब्बारा देखे जाने को लेकर लोगों में दहशत फैल गई। जमीन पर गिरे इस इस गुब्बारे की शक्ल चांद और तारे के रूप में है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 08:51 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 08:51 AM (IST)
चांद तारे की शक्ल में बार्डर पर गुब्बारा मिलने से दहशत, बंकरों में भरा पानी, कैसे सुरक्षित रहेंगे सीमांत वासी
चांद तारे की शक्ल में बार्डर पर गुब्बारा मिलने से दहशत, बंकरों में भरा पानी, कैसे सुरक्षित रहेंगे सीमांत वासी

जम्मू, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय सीमा आरएसपुरा के सतराइयां गांव में शुक्रवार को एक पाकिस्तानी गुब्बारा देखे जाने को लेकर लोगों में दहशत फैल गई। जमीन पर गिरे इस इस गुब्बारे की शक्ल चांद और तारे के रूप में है। चांद का रंग लाल है, जबकि तारे का रंग हरा है। ऐसा माना जा रहा है कि यह गुब्बारा पाकिस्तान से आया है, क्योंकि पाकिस्तान के झंडे में भी चांद और तारा है।

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मालूम पड़ता है कि यह गुब्बार हवा के रुख के साथ भारतीय क्षेत्र में आ गया। गुब्बारे को देखने के लिए गांव में कौतूहल मच गया। लोग इसे देखने के लिए उमड़ना शुरू हो गए। पुलिस को भी जब इसकी सूचना मिली तो गुब्बारे को अपने कब्जे में ले लिया। सुरक्षा एजेंसियां भी इस गुब्बारे के बारे में छानबीन कर रही हैं कि कहीं इस पर कोई कैमरा तो नहीं बांधा गया था, जिससे दुश्मन मुल्क इलाके की जासूसी कर रहा हो।

 बंकरों में भरा पानी, कैसे सुरक्षित रहेंगे सीमांत वासी

उधर,पाकिस्तानी गोलाबारी से बचने के लिए सरकार द्वारा सीमांत लोगों के लिए पक्के बंकर तो बनाए गए हैं, लेकिन ये बंकर गोलाबारी के दौरान लोगों के लिए कितने सुरक्षित होंगे, यह इनका हाल देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। आरएसपुरा क्षेत्र में बने इन बंकरों में बारिश का पानी भर गया है। ऐसे में यदि पाक इस सेक्टर में गोलाबारी शुरू कर दे तो लोग कहां जाएंगे ?

सीमांत क्षेत्र के गांवों में पाक गोलाबारी से बचने के लिए सरकार के आदेश के बाद सामुदायिक व निजी बंकर बनाकर दिए जा रहे हैं। सीमांत क्षेत्रों में कुल 1400 बंकर बनाए जाने हैं। इनमें से आरएसपुरा सेक्टर में 68 बंकर बनाए जा चुके हैं और 163 और बंकरों का निर्माण किया जाना है। वहीं, अरनिया सेक्टर में कुल 199 बंकर बनाए जाने हैं। सरकार इन बंकरों के निर्माण पर लाखों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन सीमांत ग्रामीण इन बंकरों के निर्माण से खुश नहीं हैं।

आरएसपुरा के सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि इन बंकरों की ऊंचाई पर्याप्त नहीं है। इनका स्तर इतना नीचे है कि जरा सी बारिश होने पर इनमें दो से तीन फुट पानी भर जाता है। पिछले दिनों हुई बारिश से आरएसपुरा क्षेत्र में बन चुके 68 बंकरों में से अधिकांश में बारिश का भर गया है। सीमांत गांव के ग्रामीण सुरजीत सिंह, पंच दर्शना देवी, विकास चौधरी ने बताया कि उनके गांव में बनाए गए बंकर में दो से तीन फुट तक बारिश का पानी भरा है।

ग्रामीणों ने कहा कि अगर इस हालत में सीमा पर गोलाबारी हो जाए तो ऐसे बंकर में वे लोग कैसे रह सकते हैं। सीमांत ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार का फैसला तो सही था, पर उसको जमीन पर सही से लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बंकर बनाने वाले ठेकेदारों को किसी ने नहीं देखा कि वे क्या बना रहे हैं। ठेकेदारो ने भी बंकर बनाने के लिए जरूरी चीजों का ध्यान नहीं रखा। बंकर का स्तर सही है या नहीं, इसका ख्याल न तो ठेकेदारो ने रखा और न ही संबंधित पीडब्ल्यूडी ने, जिसकी निगरानी में ये बंकर बनाए जा रहे हैं।

सीमांत ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे बंकर का उन्हें क्या लाभ। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के एईई गुरविंद्र सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा मंजूर बंकर में पहले माऊंटी का प्रावधान नहीं रखा गया था, जिससे बारिश का पानी सीधा बंकर में जा रहा है। सिंह ने बताया कि अब इसके बारे में एसडीएम से लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में इन बंकरों को ठीक करने के लिए काम शुरू किया जाए। 


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