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International Yoga Day 2021: 18 हजार फीट पर ITBP जवानों के योग ने दोगुना किया दुश्मन को मिट्टी में मिलाने का जाेश

International Yoga Day 2021 सेना की उत्तरी कमान ने जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के सभी दुर्गम इलाकों में जोश से खुद को फिट रखने के लिए मुहिम चलाई। याेग अभ्यास के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के साथ अधिकतर जवानों व अधिकारियों ने अपने आवास पर योग किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 09:27 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 09:34 AM (IST)
International Yoga Day 2021: 18 हजार फीट पर ITBP जवानों के योग ने दोगुना किया दुश्मन को मिट्टी में मिलाने का जाेश
दुर्गम अग्रिम चौकियों पर देश के रक्षकों का योग के प्रति जोश खून जमाने वाली ठंड पर भारी पड़ गया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: पूर्वी लद्दाख में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी प्रकार का हालात का सामना करने को तैयारी खड़े सेना, इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस के जोश को योग ने दोगुना कर दिया। गलवन घाटी में हिसंक संघर्ष के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उपजे हालात में देश के प्रहरियों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर चीन की सेना को संदेश दिया कि वे उसका सामना करने के लिए वे शारीरिक रूप के साथ-साथ मानसिक रूप से भी तैयार हैं। इस समय पूर्वी लद्दाख में सर्तक सेना यहां चीन का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पक्के पांव खड़ी है तो वहीं हवा से लगातार निगरानी कर रही वायुसेना भी अलर्ट पर है।

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ऐसे हालात में आज सोमवार को पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के साथ चीन के सामने डटे आईटीबीपी के जवानों ने अठारह हजार फीट की उंचाई पर बर्फ में योग किया। योग दिवस का कार्यक्रम कोरोना की रोकथाम संबंधी नियमों को ध्यान में रखकर किया गया। आईटीबीपी जवानों ने योग से स्वस्थ रहने का संदेश उच्च पर्वतीय इलाकों में रहने वाले बौद्ध भिक्षुओं में भी फैलाया। योग दिवस पर दुनिया के सबसे उंचे युद्ध स्थल सियाचिन व जम्मू-कश्मीर के अन्य दुर्गम अग्रिम चौकियों पर देश के रक्षकों का योग के प्रति जोश खून जमाने वाली ठंड पर भारी पड़ गया।

सेना की उत्तरी कमान ने जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के सभी दुर्गम इलाकों में जोश से खुद को फिट रखने के लिए मुहिम चलाई। याेग अभ्यास के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के साथ अधिकतर जवानों व अधिकारियों ने अपने आवास पर परिजनों के साथ योग किया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ रही सेना ने कठोर जलवायु परिस्थितियों वाले ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैनिकों की दैनिक दिनचर्या में योग आसनों को शामिल किया है। चाहे लद्दाख की पैंगोंग झील हो या आतंकवाद ग्रस्त कश्मीर घाटी के दुर्गम इलाके, जवान माैसम की चुनाैतियों का सामना करने के लिए अकसर योगासन करते नजर आते हैं।

सेना के पीआरओ डिफेंस जम्मू लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र आनंद ने बताया कि देश की सरहद की निगरानी कर रहे जवानों के लिए योग अभ्यास उनकी ड्यूटी का एक हिस्सा है। वहीं दूसरी ओर सीमा की सुरक्षा के लिए मुस्तेद रहने वाले सीमा प्रहरियों ने भी जोश के साथ योग किया। सीमा प्रहरियों को अपने आवास पर योगासन करने के निर्देश दिए थे।  


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