JK: गोवा राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान पर भड़के उमर, कहा- वह सिर्फ नाम के सत्य हैं, काम के नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लिखा है कि सामान्य तौर पर मैं उनकी निरर्थक बयानबाजी पर जवाब देने से ही बचता हूं लेकिन कुछ लोग इस बात पर यकीन करने लगेंगे कि वह सच बोल रहे हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। नेशनल काफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर अपनी खीझ उतारते हुए कहा कि वह सिर्फ नाम के सत्य हैं, काम के नहीं। दरअसल, सत्यपाल मलिक ने एक न्यूज एजेंसी के साथ गोवा पर्यटन पर बातचीत में जम्मू कश्मीर के अपने कार्यकाल के दौरान की विभिन्न घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि मैं प्रोटोकाॅल भंग कर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से मिलने उनके घर पर गया था। प्रधानमंत्री चाहते थे कि जम्मू-कशमीर में चुनाव हों, लेकिन इन दोनों नेताओं ने पाकिस्तान के दबाव में चुनाव लड़ने से इंकार किया। आतंकियों ने भी धमकी दी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुए।
गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर राज्य के अंतिम राज्यपाल रहे हैं। वह बीते साल अक्तूबर माह के दौरान जम्मू कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठन के बाद गोवा के राज्यपाल बने थे। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने से पूर्व जब इस मुद्दे को लेकर सियासत और अटकलबाजियों का दौर चल रहा था तो उस समय जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक कह रहे थे कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी व काग्रेस के नेताओं के साथ मुलाकात के बाद भी उन्होंने यही कहा था कि सिर्फ अफवाहें चल रही हैं। पांच अगस्त 2019 से भी तीन दिन पहले उन्होंने यह बयान दिया कि दो दिन बाद क्या होगा, मुझे नहीं पता, लेकिन आज ऐसा कुछ नहीं है। पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू कर दिया गया। उसी दिन तड़के उमर अब्दुल्ला समेत जम्मू-कश्मीर के सभी प्रमुख गैर भाजपा नेताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था।
उमर अब्दुल्ला को आज गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर अपनी खीझ उतारने का मौका मिला। राज्यपाल ने एक न्यूज एजेंसी के साथ गोवा पर्यटन पर बातचीत में दावा किया गोवा में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है। इसलिए घरेलू पर्यटक यहां आ सकते हैं, उन्हें आना भी चाहिए। विदेशी पर्यटकों को लौटने में समय लगेगा, लेकिन वह भी आएंगे। यह पर्यटन उद्योग को कोई दीर्घकालिक नुकसान नहीं है। इसी दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर राज्यपाल रहते अपनी उपलब्धियों को भी उगार किया। उन्होंने कहा कि मैंने राजभवन के दरवाजे सभी के लिए खुले रखे। मैंने अपने सभी सलाहकारों को सप्ताह में एक दिन लोगों की शिकायतों की सुध लेने को कहा था। मेरे कर्यालय में करीब 95 हजार शिकायतें आयीं और गोआ आने से पहले मैंने 93 हजार को हल किया। लोग राहत की सांस ले रहे थे।
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गाेवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इन दावों पर अपनी प्रतिक्रिया ट्वीटर पर व्यक्त की। उन्होंने लिखा है कि सामान्य तौर पर मैं उनकी निरर्थक बयानबाजी पर जवाब देने से ही बचता हूं लेकिन कुछ लोग इस बात पर यकीन करने लगेंगे कि वह सच बोल रहे हैं। लेकिन मैंने जाना है कि उनके झूठ के साथ जीना मुश्किल है, इसलिए मैं उनके झूठ को भी अब झूठ मानकर नजरंदाज नहीं करता। उमर अब्दुल्ला ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि वह सिर्फ नाम के सत्य है, काम के सत्य नहीं। वह झूठ बोलते नहीं थकते। पांच अगस्त से पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लाेगों से झूठ बोला। अब फिर झूठ ही बोल रहे हैं। राजभवन की दीवारों में वह पूरी तरह सुरक्षित हैं, उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई भी नहीं हो सकती। वह अपनी जुबान पर काबू नहीं रख सकते। जब वह राज्यपाल न हों, उस समय वह ऐसा कुछ कह कर देखें।