हुर्रियत व कट्टरवादी ताकतों के आगे सरकार ने सिर झुकाया : उमर
राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए उमर ने कहा कि आप किस मुंह से कह रहे है कि जम्मू कश्मीर में हालात ठीक हैं।
जम्मू, [सतनाम सिंह]। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मौजूदा पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हुर्रियत व अन्य कट्टरवादी ताकतों के आगे सिर झुकाते हुए संसदीय चुनाव नहीं करवाए। वर्ष 1996 के बाद यह पहली बार था जब हुकूमत ने अपने हाथ खड़े कर दिए। राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए उमर ने कहा कि आप किस मुंह से कह रहे है कि जम्मू कश्मीर में हालात ठीक हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने की बात न ही करें तो अच्छा है। जो आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी थी, वोट डालने की, उसे तो निभा नहीं सके। भाजपा के दोस्त मजबूरी के कारण चुप बैठे हुए हैं। अगर इनकी सरकार नहीं होती तो पूरे देश में पुतले जलाते। उमर ने कहा कि आपकी नालायकी का क्या सुबूत दूं। आज हालात क्या हैं। पता नहीं आप पंचायत चुनाव करवाएंगे या नहीं। पंचायत चुनाव करवाना आपकी मजबूरी है। आपमें कोई नहीं चाहता कि पंचायत चुनाव हो। दावें तो बहुत किए जा रहे हैं।
उमर ने कहा कि आपके पास तीन साल नहीं एक साल का समय रह गया है। अगले साल संसदीय चुनाव होने हैं। पता नहीं किसकी हूकूमत बनेगी। फिर राज्य में चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। एक साल है जब आप लोगों के लिए कुछ कर सकते हो।
दिनेश्वर शर्मा का काम ट्रांसफार्मर ठीक करवाना नहीं :
केंद्रीय वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा का काम क्या ट्रांसफार्मर ठीक करवाना है। उमर ने केंद्रीय वार्ताकार की नियुक्ति पर सरकार को घेरते हुए कहा कि छोटे मोटे मसले तो मुख्यमंत्री ने हल करने होते हैं। बिजली, पानी, सड़क आदि। लेकिन देखा यह जा रहा है कि केंद्रीय वार्ताकार के समक्ष ऐसे मुद्दे उठाए जा रहे है जिसे सरकार ने हाल करना है।
अधिक आतंकवादी पैदा हो रहे :
उमर ने कहा कि अधिक आतंकवादियों के मारे जाने के दावे किए जा रहे हैं। यह नहीं देखा जा रहा है कि अधिक आतंकी बन रहे हैं। बिना ट्रेनिंग के हथियार उठा रहे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्र्वविद्यालय का छात्र हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया है। पुलिस महानिदेशक दावा कर रहे हैं दौ सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। वहीं दूसरी तरफ पीडीपी के नेता आतंकवादियों के साथ हमदर्दी जता रहे हैं। एक दूसरे को खुश किया जा रहा है। पहले पैलेट गन से मारते हैं फिर नौकरी देते है। क्रेकडोन की बीमारी फिर से आ गई है। अब इसे कासो नाम दिया जा रहा है। जिस चीज को लोग भूल गए थे। उसे फिर जिंदा किया जा रहा है। मुझ पर इल्जाम लगाते है कि मैंने बुरहान वानी बनाया, आपने आठ सालों में कितने बुरहान वानी पैदा किए।
राज्यपाल ने विवि में कहीं दिल की बात :
उमर ने कहा कि राज्यपाल एनएन वोहरा ने सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए वही पढ़ा जो मंत्रिमंडल ने मंजूर करके पढ़ने के लिए दिया था। इसमें सरकार की तारीफ थी लेकिन राज्यपाल ने अपने दिल की बात जम्मू विवि के जनरल जोरावर सिंह आडिटोरियम में समारोह को संबोधित करते हुए कही। उस भाषण में राज्यपाल की मजबूरी नहीं थी। दिल की बात से असलियत सामने आई और राज्यपाल ने सरकार के प्रशासनिक ढांचे पर सवाल खड़े करते हुए सरकार को खरी-खरी सुनाई। राज्यपाल ने यह स्पष्ट कर दिया कि लोगों की उम्मीदों पर सरकार काम नहीं कर रही है।
स्वर्गीय मुफ्ती व आजाद को सराहा :
उमर अब्दुल्ला ने स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद व पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को सराहा, लेकिन महबूबा मुफ्ती की सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि रियासत में तीन वर्ष से हालात खराब हैं। रियासत पीछे जा रही है। तीन वर्ष मायने रखते है। स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद को तीन वर्ष का समय मिला था। लोग आज भी मुफ्ती को कई कदमों के लिए श्रेय देते है। श्रीनगर मुजफ्फराबाद सड़क को खोलना, मुगल रोड़ का निर्माण शुरू करवाना, राजौरी व अंवतीपोरा में विश्वविद्यालय स्थापित करवाने के लिए मुफ्ती को श्रेय दिया जाता है। भले इनमें कई प्रोजेक्टों की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के समय में हुई थी।
मुफ्ती को कुछ विरासत में मिले, जिसे उन्होंने आगे बढ़ाया। मुझे आज भी याद है कि रमजान के महीने में गैस ट्रब्याईन चलाकर लोगों को बिजली दी गई। गुलाम नबी आजाद को तो तीन वर्ष भी नहीं मिले। अढ़ाई वर्ष में आजाद ने जिले बनाए, ट्यूलिप गार्डन बनाया, हज हाउस समेत इमारतें बनाई। सेटेलाइट कैंपस बने। अपने छह साल को तो मैं नहीं गिनूंगा क्योंकि अपने मुंह से तारीफ क्या करनी। अगर मुफ्ती या आजाद के तीन वर्ष की तुलना की जाए तो मौजूदा सरकार में कुछ नहीं दिखता है।
उमर ने भाजपा विधायक सत शर्मा से कहा कि बहुत जल्द इस तरफ आ जाओगे। जो हुकूमत बनाएगा, उसके लिए विरासत में तो कुछ छोड़ो। यह तब होगा जब कुछ काम करोगे। चनैनी-नाशरी टनल का निर्माण कार्य पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय में हुआ, कटड़ा रेलवे स्टेशन कई प्रोजेक्ट मनमोहन सिंह के समय में बने, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एसआरओ 43 को हीलिंग टच का नाम देकर जिलों में प्रभावित परिवारों में नौकरियां प्रदान की।