उमर की भाजपा को चुनौती, विधानसभा चुनाव में अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नेकां पर कश्मीर केंद्रित पार्टी कह कर उंगली उठाने वाली भाजपा के 26 विधायक दो विधायकों के आगे लेट गए।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस के उपप्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा ने जम्मू के लोगों से फरेब किया। नया ड्रामा रचते हुए 26 विधायकों वाली भाजपा ने दो विधायकों वाली पार्टी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा। जम्मू के 26 विधायक कहां गए। उन्होंने कहा कि नेकां पर कश्मीर केंद्रित पार्टी कह कर उंगली उठाने वाली भाजपा के 26 विधायक दो विधायकों के आगे लेट गए। उनका इशारा पीपुल्स कांफ्रेंस की तरफ था। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि वह विधानसभा चुनाव में अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें। उमर ने कहा कि क्षेत्रीय स्वायत्तता से हर किसी को इंसाफ मिल सकता है।
शेर-ए-कश्मीर भवन में पार्टी के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उमर ने भाजपा को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू के लोगों को दो बार धोखा दिया। पहली बार मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ सरकार बनाना तो मजबूरी थी, लेकिन दूसरी बार क्या मजबूरी थी। उमर ने कहा कि वर्ष 2014 से लोगों से किए वादों को पूरा नहीं किया गया। कश्मीर पंडितों की वापसी, रिफ्यूजियों की नागरिकता व पुनर्वास, लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिलाने समेत कई वादे किए गए। 15-15 लाख की बात छोड़ो। अब भाजपा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के मुद्दे पर डिवीजन का दर्जा देने का सौदा कर रही है। हम तो पहले ही क्षेत्रीय स्वायत्तता की बात करते आ रहे हैं ताकि हर क्षेत्र से इंसाफ हो सके।
महबूबा मोदी की तारीफ करते थकती नहीं थीं
उमर अब्दुल्ला ने कहा जब महबूबा मुफ्ती बतौर मुख्यमंत्री कुछ फाइलें निपटा रही थीं तो भाजपा ने समर्थन ले लिया। उस समय महबूबा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते थकती नहीं थीं। वह कहती थीं कि मोदी करिश्मा करेंगे। हर मसला हल करेंगे। भाजपाई भी महबूबा की तारीफों के पुल बांधते थे। एजेंडा ऑफ एलायंस को तरक्की का रास्ता बताते थे। राज्यपाल शासन में फिर अफवाहों का समय आया। भाजपा किस बुनियाद पर सरकार बनाने की बात करती रही। विधायकों को डराने धमकाने की कोशिश की गई। रियासत में अफरातफरी के फैसले किए जाने लगे। मजहबी भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई। खरीदफरोख्त या डरा धमका कर सरकार बनाने की कोशिशें हुई। इसके सुबूत भी मिले हैं। उन्होंने कहा कि रियासत को बचाने के लिए नेकां ने पीडीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया। हालांकि यह बहुत कठिन फैसला था। हमने अपनी पार्टी को तरजीह देने के बजाए रियासत की बेहतरी के लिए काम किया। फिर हम पर इल्जाम लगा कि पाकिस्तान के कहने पर सरकार बनाने जा रहे हैं। जब मैंने कहा साबित करो तो झूठ में फंस गए। अपने को उसूलों की पार्टी या पार्टी विद डिफरेंस कहने वाली भाजपा के पास बहुमत नहीं था तो मुकाबले में राज्यपाल को पत्र कैसे लिखा। भाजपा ने अगर खरीद फरोख्त को बढ़ावा नहीं दिया तो फिर 16-18 विधायक कहां से आए। राज्यपाल ने अपनी प्रेस रिलीज में भी आरोप लगाया कि खरीद फरोख्त को रोकने के लिए विधानसभा को भंग किया गया। एक विधायक को एनआइए और एक को सीबीआइ जांच की धमकियां दी गई।
नेकां अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी
उमर अब्दुल्ला ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अफवाह पर ध्यान न दें। पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। चुनाव का बिगुल बजने वाला है। सभी तैयारियों में जुट जाएं। आरक्षित सीटों पर उमर ने कहा कि भाजपा राजभवन के पीछे छिप कर काम क्यों कर रही है। हिम्मत है तो सामने आए। हमारी पार्टी के प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिला था। राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि किसी भी आरक्षित सीट में अदला बदली नहीं होगी। जम्मू के लोग पार्टी का साथ दें तो ही हम जीत सकते हैं। कश्मीर व लद्दाख के बूते नेकां सरकार नहीं बना सकती। इसलिए हमें जम्मू के लोगों को पूर्व सरकार की नाकामियों को उजागर करना होगा। साढ़े चार साल बात मंदिर की याद क्यों आई उमर ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति बना दी गई, लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बाद मंदिर की अब याद आई है। देश में हार दिखाई दे रही है तो हर जगह ढिंढोरा पीट रहे हैं कि मंदिर बनाएंगे।