Move to Jagran APP

Jammu Kashmir : उमर अब्दुल्ला ने खाली किया सरकारी बंगला

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अब अपने पिता डा फारुक अब्दुल्ला के पास लौट गए हैं।उमर अब्दुल्ला को पहली बार गुपकार मार्ग पर सरकारी आवासीय सुविधा वर्ष 2002 में बतौर श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के सांसद के रुप में प्रदान की गई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 02:27 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 02:27 PM (IST)
Jammu Kashmir : उमर अब्दुल्ला ने खाली किया सरकारी बंगला
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अब अपने पिता डा फारुक अब्दुल्ला के पास लौट गए हैं। उन्होंने अपना सरकारी निवास खाली कर दिया है। उमर अब्दुल्ला को पहली बार गुपकार मार्ग पर सरकारी आवासीय सुविधा वर्ष 2002 में बतौर श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के सांसद के रुप में प्रदान की गई थी। उन्हें जी-1 बंगला मिला था। इसके बाद वर्ष 2008 में जम्मू कश्मीर राज्य का मुख्यमंत्री बनने पर जी-1 के साथ सटे जी-5 बंगला भी उन्हें मिल गया। इन दोनों को आपस मिला दिया गया और वर्ष 2010 से वह इस पूरे परिसर को मुख्यमंत्री के सरकारी निवास के रुप में इस्तेमाल करने लगे।

loksabha election banner

उल्लेखनीय है कि पांच अक्तूबर 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा और जम्मू कश्मीर का संविधान समाप्त होने के साथ ही विभिन्न नियम भी बदल गए। बदले नियमों के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्रियाें के लिए सरकारी आवासीय सुविधा का प्रावधान भी समाप्त हो गया। बीते साल नवंबर माह के दौरान ही संबंधित प्रशासन ने कथित तौेर पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री डा फारुक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद काे श्रीनगर में उपलब्ध सरकारी आवासीय सुविधा छोड़ने का एक नोटिस कथित तौर पर जारी किया था। अलबत्ता, उमर अब्दुल्ला ने कभी भी इस नोटिस की पुष्टि नहीं की।

उमर अब्दुल्ला ने गत नौ सितंबर को अपने टवीटर हैंडल पर एक पत्र अपलोड किया था। इस्टेट विभाग के प्रशासकीय सचिव को 31 जुलाई को लिखे इस पत्र में उन्हाेंने बताया कि जनवरी 2015 में मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद में सरकारी निवास में तत्कालीन नियमों के आधार पर बना रहा। नियमों के मुताबिक, मुझे जम्मू या श्रीनगर में किसी एक जगह सरकारी आवासीय सुविधा का लाभ मिल सकता था और मैंने श्रीनगर में यह लाभ लेने का फैसल किया था। उन्हाेंने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन को एक पत्र के जरिए सूचित कर दिया है कि मैं अक्टूबर 2020 के समाप्त होने से पहले ही सरकारी आवासीय सुविधा छोड़ दूंगा। उन्हाेंने कहा कि मीडिया में बहुत बार छपा है कि मुझे मकान खाली करने का नोटिस मिला है, यह सही नहीं है। मैंने स्वेच्छा से सरकारी मकान खाली करने का फैसला किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, जम्मू कश्मीर में कुछ माह पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं से संबधित नियमों में बदलाव आया है। उन नियमों के आधार पर मैं सरकारी मकान में खुद को एक अवैध कब्जाधारक के रुप में महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी इस सरकारी मकान के आबंटन को अपने नाम पर सुरक्षाा या किसी अन्य आधार पर नियमित कराने का प्रयास नहीं किया है। मैं यह अपने लिए सही नहीं मानता। उन्होंने कहा कि वह ऐसी कोई सरकारी संपत्ति अपने पास नहीं रख सकते, जिसके वह अधिकारी नहीं है। उनका आगे भी ऐसा कोई इरादा नहीं है।

इस्टेट विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उमर अब्दुल्ला ने अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है। वह साथ सटे अपने पिता डा फारुक अब्दुल्ला के बंगले में स्थानांतरित हो गए हैं। फिलहाल, उमर अब्दुल्ला द्वारा खाली किए गए बंगले में उनके जिम से संबधित कुछ साजो सामान पड़ा है। इसे अगले एक दो दिन में हटा दिया जाएगा। इसके बाद विभाग पूरी तरह से इस बंगले का कब्जा प्राप्त कर लेगा।

इस संदर्भ में जब उमर अब्दुल्ला से उनके फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो वह उपलब्ध नहीं हो पाए। अलबत्ता उनके एक करीबी ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा कि उमर अब्दुल्ला बीते कुछ दिनों से अपने पिता डा फारुक अब्दुल्ला के साथ ही रह रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.