उमर अब्दुल्ला ने कहा- हम लाशों पर सियासत नहीं करते
पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम लाशों पर सियासत नहीं करते। आप लाशों पर सियासत कर रही हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम लाशों पर सियासत नहीं करते। आप लाशों पर सियासत कर रही हैं। उमर ने भड़कते हुए यह बात उस समय कही जब शोपियां में दो युवकों की मौत के मुद्दे पर विधानसभा में विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर बहस के जवाब में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उमर ने एक बार कहा था कि सुरक्षा बलों के बंकरों पर पत्थर मारने का मतलब आत्महत्या करना है। इस पर उमर भड़क गए।
उन्होंने कहा कि मेरा जिक्र नहीं होता तो मैं नहीं उठता। मैंने पहले ही कहा था कि इसे राजनीति से दूर रखें। हमे लाशों पर सियासत करना नहीं आता है। आप लाशों पर सियासत कर रही हैं। अगर ऐसी बातें अपने विभाग के अनुदान पर कह देतीं तो ठीक होता। मैंने एक मिसाल का जिक्र किया था। जब एक युवक सीआरपीएफ के बंकरों पर पत्थर फेंकने जाता था। मुझे बताया गया कि उस युवक को लड़की ने धोखा दिया था। युवक के दोस्तों ने कहा कि खुदकशी करना गुनाह है। खुदकशी मत करो, जाकर बंकरों पर पत्थर मारो, सुरक्षाबल गोली चलाएंगे तो शहादत मिलेगी और जन्नत में जाओगे। उन्होंने कहा कि आप ने ही युवकों से कहा था कि आप बंकरों के पास क्या दूध या टॉफी लेने गए थे। इस पर महबूबा ने कहा कि आप सच्ची बातों से पता नहीं क्यों घबराते हैं। इससे पहले बहस में भाग लेते हुए उमर ने कहा कि नागरिकों की मौतों का यह सिलसिला रुकना चाहिए। हम अपने दौर में रोक नहीं पाए तो आप को रोकना चाहिए। आज केंद्र में मजबूत सरकार है तो राज्य में गठबंधन सरकार को कोई परेशानी नहीं है। मुद्दे पर बहस करने का मतलब यह नहीं है कि हम एक दूसरे पर अंगुली उठाएं। हम सियासत नहीं करेंगे। अगर सरकार ने संबंधित अधिकारी मेजर और अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है तो फिर मजिस्ट्रेट जांच क्यों करवाई जा रही है। सरकार पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के बीच से ही अलग-अलग आवाजें आती हैं। राजनीति तो गठबंधन के अंदर ही है। हम राजनीति नहीं करना चाहते, आप भी मत करो। पूरे हाउस से एक स्वर में आवाज जाए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सरकार को पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है। खूनखराबे का दौर रोकने के लिए हम पूरा सहयोग देने के लिए तैयार हैं। ऐसी मौतों के लिए हमें हाउस के अंदर बार-बार अफसोस का इजहार करना पड़ता है।