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Jammu Kashmir: अनुच्छेद 370 पर बोले उमर, अपने मिशन को भूला नहीं है गुपकार अलायंस, चुनाव से पहले दें राज्य का दर्जा

उमर ने कहा कि हमें वहां (पीएम की सर्वदलीय बैठक में) गठबंधन के रूप में नहीं बुलाया गया था। अगर ऐसा होता तो गठबंधन के केवल एक व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता। हमने उस बैठक में ऐसा कुछ नहीं कहा जो गुपकार अलायंस के एजेंडे से बाहर है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 03:12 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 03:14 PM (IST)
Jammu Kashmir: अनुच्छेद 370 पर बोले उमर, अपने मिशन को भूला नहीं है गुपकार अलायंस, चुनाव से पहले दें राज्य का दर्जा
अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे, भले ही हमें 70 सप्ताह या 70 महीने या उससे अधिक समय लग जाए।

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रदेश उपप्रधान उमर अब्दुल्ल ने कहा कि गुपकार गठबंधन अपने एजेंडे पर अभी भी कायम है। अनुच्छेद 370 की वापसी और राज्य का दर्जा बहाल करना उनकी प्राथमिकता है। जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की बात है तो निमंत्रण गुपकार गठबंधन को नहीं बल्कि राजनीतिक दलों को मिला था। सभी पार्टियों ने अपनी स्थिति उनके सामने रखी है। जम्मू-कश्मीर में बेहतर हालात बनाने और राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए यह उनकी ओर से पहला कदम था।

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उमर ने कहा कि हमें वहां (पीएम की सर्वदलीय बैठक में) गठबंधन के रूप में नहीं बुलाया गया था। अगर ऐसा होता, तो गठबंधन के केवल एक व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता। हमने उस बैठक में ऐसा कुछ नहीं कहा जो गुपकार अलायंस के एजेंडे से बाहर है।

हम राज्य का दर्जा बहाल करने और अनुच्छेद 370 को वापस लाने की अपनी मांग पर अडिग है। "न केवल महबूबा मुफ्ती बल्कि डॉ फारूक अब्दुल्ला ने बैठक में यह बात भी कह डाली कि भाजपा को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के अपने एजेंडे में सफल होने में 70 साल लग गए। हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे, भले ही हमें 70 सप्ताह या 70 महीने या उससे अधिक समय लग जाए।

परिसीमन पर अपनी प्रतिक्रिया रखते हुए उमर ने कहा कि जहां तक ​​परिसीमन आयोग का संबंध है, पार्टी ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इसके लिए उन्होंने डॉ फारूक अब्दुल्ला अधिकृत किया है। हालांकि परिसीमन आयोग की ओर से फिलहाल नेशनल कॉन्फ्रेंस को संपर्क नहीं किया गया है। उमर अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद ही होने चाहिए।

उमर ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में भी कांग्रेस वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने हम सभी की ओर से कहा था कि हम केंद्र द्वारा निर्धारित इस टाइमलाइन सबसे पहले परिसीमन, चुनाव और फिर राज्य का दर्जा को स्वीकार नहीं करते हैं। हम परिसीमन, राज्य का दर्जा और फिर चुनाव चाहते हैं। यदि आप जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाना चाहते हैं तोआपको पहले राज्य का दर्जा बहाल करना होगा।उन्होंने इसी टाइमलाइन को लागू करने पर जोर दिया था। 


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