Jammu Kashmir : टोल प्लाजाओं पर फुल बॉडी स्कैनर न होने से बढ़ रही हैं आतंकियों की घुसपैठ जम्मू कश्मीर में सभी वाहनों की मैन्युअल चेकिंग संभव नहीं है
इस वर्ष 31 जनवरी माह में बन टोल प्लाजा पर ट्रक में छिपे 3 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। तत्कालीन उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को टोल प्लाजाओं पर फुल बॉडी स्कैनर लगाने को कहा था।
अवधेश चौहान, जम्मू: व्यापार की आड़ में ट्रकों के जरिये कुख्यात आतंकियों को जम्मू से कश्मीर घाटी में भेजे जाने की घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों समेत राज्य प्रशासन को भी सकते में डाल दिया है।जम्मू कश्मीर में सभी वाहनों की मैन्युअल चेकिंग संभव नहीं है। ऐसे माहौल में लखनपुर में फुल बॉडी स्कैनर की बड़ी जरूरत है।बन टोल प्लाजा के आसपास बीते 3 सालों में 4 मुठभेड़ की घटनाएं हुईं हैं। सभी घटनओं में आतंकवादी ट्रकों में छिप कर कश्मीर घाटी जाने के दौरान जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस नाकों पर चैकिंग के दौरान हुई मुठभेड़ में मारे गए है। जब भी मुठभेड़ की घटनाएं हुई तब टाेल प्लाजाओं पर ट्रकों को स्कैन करने के लिए फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाने की बात प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने उठाई हैं।
इस वर्ष 31 जनवरी माह में बन टोल प्लाजा पर ट्रक में छिपे 3 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। तत्कालीन उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को टोल प्लाजाओं पर फुल बॉडी स्कैनर लगाने को कहा था। आतंकवादियों को ढोहने और मादक पर्दाथों की तस्करी को रोकने के लिए राज्य के प्रवेश द्वार लखनपुर, विजयपुर के सरोर, बन टोल प्लाजा और दक्षिण कश्मीर के लोअर मुंडा टोल प्लाजाओं पर फुल बॉडी स्कैनरों की जरूरत है।
स्कैन से आसानी से पता चल जाएगा कि ट्रक के अंदर कौन छिपा है, क्या इसमें हथियार या गोलाबारूद या फिर मादक पदार्थों की तस्करी तो नही की जा रही।अगर उस समय की सरकार ने फुल ट्रक बॉडी स्कैनर लगाने की अनुमति दे दी होती तो तस्करी पर काफी हद तक अंकुश लग जाता। लखनपुर में फल सीजन के दौरान बड़ी संख्या में कश्मीर से
ट्रकों की आवाजाही के दौरान हथियार और मादक पदार्थों की तस्करी के प्रयास होते रहते हैं।रोजाना 6 हजार माल से लदे ट्रकों की जांच संभव नही हैं।