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जम्मू-कश्मीर: विवाह-मांगलिक कार्यों के लिए अब नहीं करना होगा लंबा इंतजार, जानें कब-कब हैं शुभ मुहूर्त

पुराने या मरम्मत किए गए मकान में गृह प्रवेश हेतु गुरु एवं शुक्र के अस्त काल का विचार नहीं किया जाता अर्थात जीर्णोद्धार वाले मकान बनाने के लिए गुरु व शुक्र अस्त काल में प्रवेश कर सकते हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 02 Jan 2022 12:47 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jan 2022 12:47 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर: विवाह-मांगलिक कार्यों के लिए अब नहीं करना होगा लंबा इंतजार, जानें कब-कब हैं शुभ मुहूर्त
14 जनवरी के बाद ही शुभ मुहूर्त में विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

जम्मू, जागरण संवाददाता : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरू और शुक्र तारा उदय हो एवं शुभ मुहूर्त में ही विवाह आदि मांगलिक कार्य सम्पन्न किए जाते है। विवाह एवं मांगलिक कार्यों के लिए गुरू और शुक्र तारा का उदय होना एवं शुभ मुहूर्त का होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष बुधवार 05 जनवरी रात्रि 01 बजकर 15 मिनट पर वक्री शुक्र तारा पश्चिम में अस्त होगा और इस माह 12 जनवरी बुधवार शाम 05 बजकर 40 मिनट पर वक्री शुक्र पूर्व में उदय होगा।इस दौरान आपको विवाह आदि मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए। 14 जनवरी के बाद ही शुभ मुहूर्त में विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे।विवाह का पहला मुहूर्त 22 जनवरी को है।इस समय 15 दिसंबर से 13 जनवरी गुरुवार तक पौष माह, खर माह, रहेगा। खर माह में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।

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इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि गुरू और शुक्र तारा अस्त के दौरान आप सगाई आदि का कार्य यानि कि मंगनी आदि कार्य शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं। मंगनी आदि कार्य में कोई समस्या वाली बात नहीं है।तारा डूबने या चढ़ने का तात्पर्य तारा के अस्त और उदय हो जाने से होता है। जैसे सूर्य का उदय और अस्त होना। खगोल के मुताबिक सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक का तारा है। जो अपने ही प्रकाश से चमकता है। अन्य ग्रह सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं। भारतीय ज्योतिष में गुरु एवं शुक्र ग्रह को तारा माना गया है।

गुरु एवं शुक्र अस्त के इन दिनों में विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, शपथ ग्रहण करना। शिलान्यास, व्रत उद्यापन, मोख, यगोपवीत संस्कार आदि शुभ मांगलिक कार्य करना पूर्णतः वर्जित है। इसी तरह स्वयंवर के लिए भी गुरु व शुक्र के अस्त का समय त्याज्य माना गया है। कोई व्यक्ति पुनर्विवाह करे तो गुरु व शुक्र के अस्त, वेध, लग्न शुद्धि, विवाह विहित मास आदि का कोई दोष नहीं लगता।

पुराने या मरम्मत किए गए मकान में गृह प्रवेश हेतु गुरु एवं शुक्र के अस्त काल का विचार नहीं किया जाता अर्थात जीर्णोद्धार वाले मकान बनाने के लिए गुरु व शुक्र अस्त काल में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि शुक्र के अस्त होने पर यात्रा करने से प्रबल शत्रु भी जातक के वशीभूत हो जाता है। शत्रु से सुलह या संधि हो जाती है। शुक्रास्त काल में वशीकरण के प्रयोग शीघ्र सिद्धि देने वाले साबित होते हैं।

पंचांग के अनुसार सन् 2022 ई में विवाह के मुहूर्त इस प्रकार है :

  • जनवरी - 22, 23, 24 और 25
  • फरवरी - 5,6,7,9,10,18,19 और 20
  • 24 फरवरी से 25 मार्च सन् 2022 ई. तक गुरु अस्त ;तारा डूबा रहेगा।
  • अप्रैल - 15,16,19,20,21, 22,23, 24 और 27
  • मई - 2,3,4,9,10,11,12,16,17,18,20,21,26,27 और 31
  • जून - 1, 6,8,10,11,13,20,21,23 और 24।
  • जुलाई- 3,4,5,6,7,8,9,14,18,19,20,21,23,24,25,30 और 31
  • अगस्त- 1,2,3,4,5,9,10,11,14,15,19,20,21,28,29,30 और 31
  • सितंबर -1,4,5,6,7,8,26 और 27

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