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Jammu Kashmir के रशीद पर अब देश की निगाहें, Olympic खेलों के लिए देशभर से उत्कृष्ट Fencing खिलाड़ियों की करेंगे खोज

खेलो इंडिया कार्यक्रम योजना के बारे में रशीद ने बताया कि इस खेल कार्यक्रम को व्यक्तिगत विकास सामुदायिक विकास आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। खेलो इंडिया में एक अखिल भारत स्तरीय स्पोर्ट छात्रवृत्ति योजना भी शामिल है

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 02:18 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:15 PM (IST)
Jammu Kashmir के रशीद पर अब देश की निगाहें, Olympic खेलों के लिए देशभर से उत्कृष्ट Fencing खिलाड़ियों की करेंगे खोज
समिति में जम्मू के अंतरराष्ट्रीय फेंसिंग खिलाड़ी रशीद चौधरी भी शामिल हैं।

जम्मू, अशोक शर्मा : देश में खेल की स्थिति व स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा खेलो इंडिया के तहत देश में खेलों को बढावा देने और नई प्रतिभाओं को तलाशने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा प्रतिभा पहचान विकास समिति टीआइडीसी का गठन किया गया है। समिति में जम्मू के अंतरराष्ट्रीय फेंसिंग खिलाड़ी रशीद चौधरी भी शामिल हैं। रशीद जोनल टेलेंट स्काटिंग कमेटी के भी सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि जब वह खेलते थे, तो दिल में एक ही इच्छा थी कि देश के लिए पदक जीतना है। पदक जीतने में सफलता मिलती गई तो इच्छा थी कि एक बार ओलंपिक खेलों में भाग लेना है। उस समय हालात, सरकार का सहयोग भी इतना नहीं रहा। जिसके चलते ओलंपिक तक पहुंचना संभव नहीं हो सका। अब जब कि केंद्र सरकार का हाथ हर खिलाड़ी के पीछे है। सरकार पैसा खर्च कर रही है, ढांचागत सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। हर तरफ से पूरा सहयेाग मिल रहा है तो अगला लक्ष्य देश को खेलों के क्षेत्र में शिखर पर ले जाना है। ऐसे में प्रतिभा तलाशने की जो जिम्मेवार उन्हें मिली है, तो वह चाहते हैं कि वह ऐसी प्रतिभा को चुन कर आगे लाएं कि वह 2024 और 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में अधिक से अधिक पदक जीतें।

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बच्चा खेलने वाला हो तो उसे कोई नहीं रोक सकता

रशीद चौधरी का कहना है कि आज देश भर में हर खेल की सैकड़ों प्रतियोगिताएं होती हैं। ब्लाक स्तर से जिला स्तर तक आते-आते ही खिलाड़ी का पता चल जाता है फिर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जो खिलाड़ी पदक जीतते हैं। उन्हें तो सबसे पहले खेलो इंडिया में स्थान मिल सकता है। उसके बाद कई तरह के शिविर आयोजित होते हैं। इन शिविरों में भी मेहनत करने वाले खिलाड़ी पहचाने जाते हैं। फिर खेलो इंडिया की ओर से भी प्रतिभा तलाशने के लिए शिविर आयोजित किए जाते हैं। आज पहले के मुकाबले मौके बहुत ज्यादा मिलते हैं। बच्चा खेलने वाला हो तो उसे कोई नहीं रोक सकता। एक खिलाड़ी अगर उसका खेलो इंडिया में चयन नहीं होता और वह राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने या बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहता है तो समिति के सदस्यों को जवाब देते नहीं बनेगा कि वह उसका चयन क्यों नहीं कर सके।

5 लाख रुपये की छात्रवृत्ति 8 साल तक लगातार मिलेगी

खेलो इंडिया कार्यक्रम योजना के बारे में रशीद ने बताया कि इस खेल कार्यक्रम को व्यक्तिगत विकास, सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। खेलो इंडिया में एक अखिल भारत स्तरीय स्पोर्ट छात्रवृत्ति योजना भी शामिल है, जो चुनिंदा खेलों में प्रति वर्ष एक हजार प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों को कवर करेगी। इस योजना के तहत चुने गए हर ऐथलीट को सालान तौर पर 5 लाख रुपये की छात्रवृत्ति 8 साल तक लगातार मिलेगी।हर वर्ष बच्चे की परफारमेंस पर नजर रखी जाएगी।

अब जम्मू में फेंसिंग सेंटर आफ एक्सिलेंस भी बनने जा रहा है

रशीद ने बताया कि फेंसिंग के तीन हाई फरफाॅरमिंग सेंटर, पटियाला, नेशल गुजरात, पुणे में चल रहे हैं। औरंगाबाद, गुवाहटी में नेशनल सेंटर आफ एक्सिलेंस बन रहे हैं। अभी कई नए सेंटर बनने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर में खेलों की संभावना बारे कहा कि जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां हर खेल का अच्छा भविष्य है। फेंसिंग में जम्मू ने अपने आप को साबित किया है। जम्मू से 25 के करीब तलबारवाज अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं। 30 के करीब तलवारवाजों को सरकारी नौकरियां मिल चुकी हैं। फेंसिंग के खिलाड़ी जम्मू-कश्मीर के लिए 300 से ज्यादा पदक जीत चुके हैं। अब जम्मू में फेंसिंग सेंटर आफ एक्सिलेंस भी बनने जा रहा है। वहीं कश्मीर में वाटर गेम्स की संभावनाओं को देखते हुए सेंंटर आफ एक्सिलेंस बनने जा रहा है। आने वाले दिनों में खेलों की संभावनाएं और बढ़ेंगी। उम्मीद है कि जम्मू देश को ओलंपिक पदक देगा। 


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