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Jammu Kashmir: अब 10 कनाल भूमि से अधिक पर निर्माण करने के लिए लेनी होगी अनुमति

यह कदम अनियोजित विकास को रोकने के लिए उठाया गया है। महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण के दायरे में जम्मू सांबा कठुआ रियासी व ऊधमपुर जिले का 2216.58 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 01:39 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 01:39 PM (IST)
Jammu Kashmir: अब 10 कनाल भूमि से अधिक पर निर्माण करने के लिए लेनी होगी अनुमति
Jammu Kashmir: अब 10 कनाल भूमि से अधिक पर निर्माण करने के लिए लेनी होगी अनुमति

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्य के दोनों महानगरीय क्षेत्रों श्रीनगर व जम्मू में अब 10 कनाल या उससे ज्यादा जमीन पर निर्माण कार्य के लिए महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरणों (एमआरडीए) से अनुमति लेनी होगी। आवास एवं शहरी विकास विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी नगर समितियां, नगर परिषदें और विभिन्न परियोजनाओं को कार्यान्वित करने वाली संस्थाएं संबंधित एमआरडीए की लिखित अनुमति के बिना 10 कनाल या उससे ज्यादा जमीन पर होने वाले निर्माण कार्य या परियोजना को मंजूरी नहीं दें।

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आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव धीरज गुप्ता के मुताबिक, 10 कनाल या उससे ज्यादा जमीन के इस्तेमाल से होने वाली किसी भी प्रकार की विकास गतिविधि, जिसका आसपास के इलाकों में ट्रैफिक, गतिशीलता और शहरी परिवेश पर असर होता है, की इजाजत देने से पहले एमआरडीए की लिखित अनुमति होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि यह कदम श्रीनगर और जम्मू के महानगरीय क्षेत्र में अनियोजित विकास को रोकने के लिए उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य में तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अगुआई वाले प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण अधिनियम 2018 को लागू किया था। इसके आधार पर ही तीन जुलाई 2019 को इन दोनों महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र को अधिसूचित किया गया।

श्रीनगर महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण में श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बांडीपोर, बारामुला, कुलगाम, पुलवामा, अनंतनाग व शोपियां का लगभग 2494 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आता है। जम्मू महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण के दायरे में जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी व ऊधमपुर जिले का 2216.58 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आता है।


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