Move to Jagran APP

अब डिग्री कॉलेजों में नीड बेस्ड लेक्चरार की होगी नियुक्ति, मिनट के हिसाब से किया जाएगा भुगतान Jammu News

कॉलेजों में अगर एक पीरियड चालीस मिनट का है तो एक घंटे के पांच सौ रुपये मिलेंगे तो उन्हें चालीस मिनट के हिसाब से पैसे मिलेंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 11:25 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 11:25 AM (IST)
अब डिग्री कॉलेजों में नीड बेस्ड लेक्चरार की होगी नियुक्ति, मिनट के हिसाब से किया जाएगा भुगतान Jammu News
अब डिग्री कॉलेजों में नीड बेस्ड लेक्चरार की होगी नियुक्ति, मिनट के हिसाब से किया जाएगा भुगतान Jammu News

जम्मू, सतनाम सिंह। डिग्री कॉलेजों में अब अकादमिक प्रबंधन पर लेक्चरार की नियुक्ति नहीं होगी। इसकी जगह नीड बेस्ड लेक्चरार नियुक्त किए जाएंगे। यह प्रक्रिया स्थायी नहीं, बल्कि अस्थायी लेक्चरार के लिए शुरू की गई है। इन लेक्चरार को हर महीने निर्धारित वेतन नहीं दिया जाएगा, बल्कि लेक्चर के घंटे के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।

prime article banner

उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। हालांकि, डिग्री कॉलेजों में पढ़ाई को सुचारू बनाने के लिए अकादमिक प्रबंधन पर अध्यापकों की नियुक्ति हो चुकी है। इसमें दो श्रेणियां के तहत अध्यापकों की नियुक्ति की गई है। इसमें अकादमिक प्रबंधन पर लेक्चरर को 28 हजार रुपये और टीचिंग असिस्टेंट को 22 हजार रुपये प्रति माह मिलते थे। अब नीड बेस्ड टीचर्स पर नियुक्त होने वालों साठ मिनट के लेक्चर के 500 रुपये मिलेंगे। वहीं, टीचिंग असिस्टेंट को साठ मिनट के 450 रुपये दिए जाएंगे। राज्य में इस अकादमिक सत्र से 52 नए डिग्री कॉलेज भी खोले गए हैं। चूंकि स्थायी पद भरे नहीं गए हैं इसलिए इस बार भी अकादमिक प्रबंधन पर ही नियुक्तियां की गई हैं।

उच्च शिक्षा विभाग के नए फैसले से यह साफ हो गया कि जितने मिनट पढ़ाओ, उसके पैसे ले लो। रविवार, सरकारी अवकाश या स्वयं लिए जाने वाले अवकाश का कोई पैसा नहीं मिलेगा। अब कॉलेजों ने उच्च शिक्षा विभाग से यह जानकारी मांगी है कि इस नए आदेश को इसी सत्र से लागू किया जाना है ताकि उसी हिसाब से काम हो। कॉलेजों में अगर एक पीरियड चालीस मिनट का है तो एक घंटे के पांच सौ रुपये मिलेंगे तो उन्हें चालीस मिनट के हिसाब से पैसे मिलेंगे।

6400 अध्यापकों की जरूरत

राज्य के कॉलेजों में एक लाख अस्सी हजार के करीब विद्यार्थी हैं। यूजीसी नियमों के अनुसार 35 बच्चों पर एक अध्यापक होना चाहिए। इस तरह से 6400 अध्यापकों की जरूरत है। इस समय कुल 2800 उपलब्ध है। मंजूर पद 3501 है। कमी है 2600 अध्यापकों की। हर वर्ष कमी को पूरा करने के लिए अकादिमक प्रबंधन पर अध्यापकों की नियुक्ति की जाती है।

भुगतान की सीमा भी तय की

उच्च शिक्षा विभाग ने एक सीमा भी तय कर दी है कि जिसमें नीड बेस्ड लेक्चर को महीने के 35 हजार रुपये से अधिक नहीं दिए जाएंगे। इसी तरह से टीचिंग असिस्टेंट को तीस हजार से अधिक नहीं दिए जाएंगे। इसके साथ अगर नीड बेस्ड अध्यापक बीस किलोमीटर दूरी से आता है तो 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से टीए दिया जाएगा, लेकिन एक महीने में अधिकतम 1500 रुपये ही दिए जाएंगे।

खर्च कम करने को लिया फैसला

अकादमिक प्रबंधन पर अध्यापकों को वेतन संबंधित कॉलेज के लोकल फंड से दी जाती है। विभाग का कहना है कि हर वर्ष लोकल फंड पर दवाब पड़ता है। धनराशि की कमी हो जाती है। साल में काफी दिन ऐसे होते हैं जिनमें इन अध्यापकों की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में विभाग ने अपने खर्च को कम करने के लिए अब नीड बेस्ड अध्यापक नियुक्त करने का फैसला किया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.