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Jammu Kashmir : अब डाॅयल ए डाक्टर से लें घर बैठे परामर्श

विश्व भर के कई देशों से 300 डाक्टर जम्मू-कश्मीर के मरीजों की सहायता के लिए आगे आए हैं। यह डाक्टर कोविड 19 के अलावा अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की सहायता करेंगे। वर्तमान में सभी का ध्यान पूरी तरह से कोविड 19 के मरीजों पर टिका हुआ है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 10:34 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 10:34 AM (IST)
Jammu Kashmir : अब डाॅयल ए डाक्टर से लें घर बैठे परामर्श
विश्व भर के कई देशों से 300 डाक्टर जम्मू-कश्मीर के मरीजों की सहायता के लिए आगे आए हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । विश्व भर के कई देशों से 300 डाक्टर जम्मू-कश्मीर के मरीजों की सहायता के लिए आगे आए हैं। यह डाक्टर कोविड 19 के अलावा अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की सहायता करेंगे। उनका कहना है कि वर्तमान में सभी का ध्यान पूरी तरह से कोविड 19 के मरीजों पर टिका हुआ है।

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कोविड 19 के अलावा अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की सहायता को आगे आए 300 डाक्टर

डायल ए डाक्टर कार्यक्रम के तहत विभिन्न् बीमारियों के विशेषज्ञ डाक्टर एक साथ सहायता के लिए आगे आए हैं। इसकी पहल अहसास इंटरनेशनल और दर्द वेल्फेयर सोसायटी ने कश्मीर हेल्थ केयर स्पोर्ट ग्रुप के सहयोग से की है। अहसास इंटरनेशनल के सचिव हाकीम मोहम्मद इलियास ने इसकी जानकारी दी। उनका कहना है कि वर्तमान में कोविड 19 के मरीजों के दबाव को देखते हुए उन्होंने अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की सहायता के लिए यह पहल की। इसमें यह तय किया गया कि मरीज को उनके घर में ही विशेषज्ञ डाक्टर की सलाह मिले। इस समय अस्पतालों में संक्रमण की संभावना बहुत अधिक है। मरीज भी अस्पतालों में जाने से बच रहे हैं। टेलीफोन से ही अगर किसी मरीज को डाक्टर का परामर्श मिल जाए तो उसके लिए फायदेमंद होगा। मरीजों की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसमें डाक्टर और पैरामेडिकल स्वयं इसका प्रबंधन कर रहे हैं। टोल फ्री नंबर 18008892729 से मरीज सलाह ले सकते हैं। पिछले दो महीने में ही दो हजार से अधिक मरीजों की सहायता की गई है। उन्हें परामर्श दिया गया है।

अहसास इंटरनेशनल के चेयरमैन तबस्सुम जिलानी ने बताया कि यह सेवा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की मंजूरी लेने के बाद ही उपलब्ध करवाई जा रही है। इससे उन मरीजों को लाभ हुआ जो कि कोविड 19 के रिस्क के कारण अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए नहीं जा पा रहे थे। डाक्टरों ने स्वयं उनके साथ जुड़ने की इच्छा जताई। उनका कहना है कि वे यह सेवा वैश्विक महामारी के बाद भी जारी रखना चाहते हैं।


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