Jammu Kashmir : अब ट्रे में पनीरी उगाने का बढ़ रहा रिवाज
अब सब्जियों की खेती के लिए पनीरी उगाने का तरीका बदल गया है। किसान नए जमाने की खेती को आगे बढ़ाते हुए ट्रे में पनीरी लगाता है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । अब सब्जियों की खेती के लिए पनीरी उगाने का तरीका बदल गया है। किसान नए जमाने की खेती को आगे बढ़ाते हुए ट्रे में पनीरी लगाता है। वह जमीन में बीज डालकर कर पनीरी तैयार करने की बजाए ट्रे का इस्तेमाल कर रहा है। कारण यह कि ट्रे में पनरी आसानी से उग जाती है और इसे जड़ समेत आसानी से निकाला जा सकता है।
इस प्रक्रिया में पौधेे को नुकसान नही होता। यही नहीं अगर तापमान का हेरफेर हो या बारिश की अंदेशा हो तो ट्रे को उठाकर नियंत्रित तापमान वाले क्षेत्र में रखा जा सकता है। मिली सफलता को लेकर दूसरे किसान भी इसी तरीके से पनीरी उगाने का काम कर रहे हैं। दरअसल ट्रे में छोटे छोटे छिद्र बने होते हैं। इसमें नारियल का बुरादा जिसमें कुछ मिट्टी व खाद मिलाकर सामग्री तैयार करनी है और ट्रे के छिद्र में भरनी है। इसी में ही बीज डाल देना हैं। तय समय पर बीज फूट आएगा और जल्दी ही पौधा तैयार हो जाएगा। लेकिन जब इन पौधों को खेत में रोपना हो तो ट्रे में लगे पौधे को खींच लेने से पौधा जड़ समेत बाहर आ जाएगा और इसे खेत में लगा दिया जाए।
आम तौर पर जमीन में पनीरी तैयार करने के लिए किसानों को बार बार बीज डालना पड़ता है। बारिश होने पर जमीन सख्त हो जाती है तो बीज फूट नही पाता। वहीं जो पनीरी तैयार हो जाएं, को उखाड़ने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। कई पौधों का नुकसान हो जाता है। कृषि विशेषज्ञ अरुण खजूरिया का कहना है कि ट्रे में पनीरी लगाने का तरीका आजकल जम्मू में काफी प्रचलित हो रहा है। शेड नेट हाऊस या ग्रीन, पाली हाऊस में भी पनीरी ट्रे में ही तैयार हो रही है। वहीं किसान कुलदीप राज ने कहा कि बदलते समय के साथ बहुत कुछ नई बातों का पता चल रहा है। अब ट्रे में पनीरी लगाने का रिवाज शुरू हो गया है।