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अब नए किरायेदार सत्यापन फॉर्म में पुलिस ने मांगा सिर्फ किरायेदार का ब्योरा

जागरण संवाददाता जम्मू विवादों में आए पुलिस विभाग के किरायेदारों के सत्यापन फॉर्म को वापस

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 08:00 AM (IST)
अब नए किरायेदार सत्यापन फॉर्म में पुलिस ने मांगा सिर्फ किरायेदार का ब्योरा
अब नए किरायेदार सत्यापन फॉर्म में पुलिस ने मांगा सिर्फ किरायेदार का ब्योरा

जागरण संवाददाता, जम्मू : विवादों में आए पुलिस विभाग के किरायेदारों के सत्यापन फॉर्म को वापस लेने के बाद जम्मू पुलिस ने अब नया फार्म जारी किया है। पुलिस ने नए फार्म में केवल किरायेदार के बारे में जानकारी मांगी है। इस फार्म में किरायेदार का असली पता, उसके सरकारी पहचान पत्र की कॉपी, किरायेदार पर आपराधिक मामला और परिवार की जानकारी मांगी गई है। इससे पूर्व पुलिस ने घर पर किरायेदार रखने वाले मकान मालिक से उसके परिवार के सदस्यों के नाम और फोन नंबर भी मांगे थे। परिवार की महिला सदस्यों की जानकारी देने को लेकर लोगों ने इस फॉर्म का विरोध किया था, जिसके बाद जम्मू जोन के इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस (आइजीपी) मुकेश सिंह ने इंटरनेट मीडिया में एक वीडियो वायरल कर लोगों को सत्यापन फार्म को वापस लेने की बात कही थी। आइजीपी जम्मू मुकेश सिंह के निर्देश पर तुरंत हरकत में आई जम्मू पुलिस ने सोमवार को किरायेदारों के सत्यापन के लिए जारी पुलिस फॉर्म को रद कर उसके स्थान पर नया फार्म जारी किया हैं।

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दरअसल, दरबार मूव के साथ कश्मीर में कई लोग जम्मू की ओर रुख कर लेते हैं। इन लोगों की आड़ में आतंकी संगठनों की मदद करने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर्स भी जम्मू में अपने अड्डे बनाने की फिराक में रहते हैं] ताकि वह चोरी छुपा वहां रह कर आतंकियों की मदद कर सके। ऐसे लोगों की पहचान के लिए जम्मू पुलिस की अपील पर जिला आयुक्त जम्मू सुषमा चौहान ने आदेश जारी कर जम्मू जिले में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को यह कहा है कि यदि वह अपने घर या दुकान पर किरायेदार रखते हैं, तो उसकी पुलिस वैरिफिकेशन जरूर करवाए। जिला आयुक्त के इस आदेश के बाद यदि कोई किरायेदार की पुलिस वैरिफिकेशन नहीं करवाता तो उसके विरुद्ध पुलिस थाने में आपराधिक मामला दर्ज किया जाता है। ----- पुराने फार्म में यह था विवाद

जम्मू पुलिस के सत्यापन फार्म में पुलिस ने मकान मालिक और उसके परिवार की जानकारी मांगी थी, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं। लोगों को अपने परिवार की महिला सदस्यों की जानकारियां देने पर आपत्ति थी। इसके अलावा घर की तस्वीर, जीपीएस लोकेशन जैसी जानकारियां भी मांगी गई थीं, जिसका लोगों ने विरोध किया था।


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