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अब जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ने लगा कोरोना संक्रमण, कई गांवों में 50% से भी अधिक मामले

Coronavirus in Jammu Kashmir कठुआ जिले में भी स्थिति कमोवेश ऐसी ही है। इस जिले में अब साठ से 70 फीसद मामले ग्रामीण क्षेत्रों से ही आ रहे हैं। कश्मीर में भी स्थिति जम्मू संभाग की तरह ही है। श्रीनगर जिला सबसे अधिक प्रभावित है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 08:22 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 11:10 AM (IST)
अब जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ने लगा कोरोना संक्रमण, कई गांवों में 50% से भी अधिक मामले
राजौरी जिले में पिछले दो से तीन दिनों में औसतन साठ से 70 फीसद मामले गांव से आ रहे हैं।

जम्मू, रोहित जंडियाल: कोरोना की पहली लहर में जम्मू-कश्मीर के कई ग्रामीण क्षेत्र अदृश्य दुश्मन (कोरोना संक्रमण) से बच गए थे लेकिन दूसरी लहर में तो गांव दर गांव संक्रमित हो रहे हैं। अब तो स्थिति यह हो गई है कि जम्मू, कठुअा, राजौरी, ऊधमपुर जैसे जिलों में पचास फीसद से अधिक मामले ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे हें। अब उन गांवों से ही मामले नहीं आ रहे हैं जहां पर टेस्टिंग नहीं हुई है। कई ऐसे गांव हैं जहां पर इस लहर में मरीजों की मौत हो रही है। इसने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी चिंतित कर दिया है।

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नेशनल हेल्थ मिशन से मिलने वाले आंकड़ों के अनुसार मार्च महीने तक दस फीसद से भी मामले ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे थे जो कि अप्रैल महीने में बढ़कर तीस से चालीस फीस और मई में पचास से साठ फीसद के बीच हो गए हैं। यही नहीं कई जिलों में तो 70 फीसद के करीब मामले ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे हैं। राजौरी जिले में पिछले दो से तीन दिनों में औसतन साठ से 70 फीसद मामले गांव से आ रहे हैं।

यही स्थिति पुंछ जिले की है। इस जिले के कई गांव ऐसे थे जहां पर पहली लहर मेंं मामले नहीं आए थे लेकिन अब बुरी तरह से प्रभावित हैं। पुंछ जिले के सुरनकोट के बैर, कलरकटल, परमकोट गांव में इस बार एक पूर्व बीएमओ, नायब तहसीलदार और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इस क्षेत्र के जिला विकास परिषद के सदस्य सोहेल मलिक ने बताया कि हर गांव में मामले आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग हो रही है लेकिन अभी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। जिले में एक आक्सीजन जेनरेशन प्लांट तक नहीं है।

वहीं जम्मू जिले के अखनूर, बिश्नाह, आरएस पुरा, कोट भलवाल सहित कोई ऐसा ग्रामीण क्षेत्र नहीं है जहां पर मामले नहीं आए हो। आरएस पुरा क्षेत्र में तो बी. 1.617 (इंडियन डबल म्यूटेशन) के कई मामले मिले हैं। इस क्षेत्र में कई मरीजों की कोरोना के कारण मौत भी हुई है। यही स्थिति अखनूर के गंडाल, चकबगवाना, मुट्ठीमेहरा की है। सरपंच प्रिया शर्मा का कहना है कि उनके क्षेत्र में हर दिन मामले आ रहे हैं। पहली लहर में ऐसा नहीं था। लोगों को एसओपी का पालन करने के लिए कहा जा रहा है।

वहीं जम्मू जिले का सीमांत क्षेत्र अरनिया भी बुरी तरह से प्रभावित है। इस क्षेत्र में प्रशासन काफी सख्ती कर रहा है। अरनिया म्यूनिसिपल कमेटी के चेयरमैन रमेश सैनी का कहना है कि तीन दिनों में ही सौ से अधिक मामलने आए है। लोगों का जागरूक किया जा रहा है। यही नहीं सख्ती की गई है। हर किसी को दो मास्क पहनने के लिए कहा जा रहा है। कोरोना को हराने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

वहीं रियासी जिले में भी इसी तरह की ही स्थिति है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें जिस गांव में टेस्ट कर रही है, वहीं पर पंद्रह से बीस मामले आ रहे हैं। रियासी जिला विकास परिषद के चेयरमैन सर्राफ सिंह नाग का कहना है कि भमाग सहित सभी क्षेत्रों में इस बार मामले आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ कैंप आयोजित कर लोगों के टेस्अ किए जा रहे हैं। स्थिति अभी नियंत्रण में है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्दी ही स्थिति पर काबू पाया जाएगा।

कठुआ जिले में भी स्थिति कमोवेश ऐसी ही है। इस जिले में अब साठ से 70 फीसद मामले ग्रामीण क्षेत्रों से ही आ रहे हैं। कश्मीर में भी स्थिति जम्मू संभाग की तरह ही है। श्रीनगर जिला सबसे अधिक प्रभावित है। बारामुला, बडगाम, गुलगाम, गांदरबल सहित कोई ही ऐसा जिला होगा जहां पर ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मरीज नहीं आ रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ाई गई है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. रेनू शर्मा का कहना है कि गांवों से मामले आ रहे हें लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने पूरी नजर बनाई हुई है।


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