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जम्मू-कश्मीर में 133 मस्जिदों-जियारतगाहों का जिम्मा अब केंद्रीय वक्फ बोर्ड के अधीन

जम्मू कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड राज्य में आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में लगातार आगे कदम बढ़ा रहा था इसके अधीनस्थ शायद ही कोई मदरसा हो।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 06:20 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में 133 मस्जिदों-जियारतगाहों का जिम्मा अब केंद्रीय वक्फ बोर्ड के अधीन
जम्मू-कश्मीर में 133 मस्जिदों-जियारतगाहों का जिम्मा अब केंद्रीय वक्फ बोर्ड के अधीन

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य में 133 मस्जिदों और जियारतगाहों का जिम्मा अब जम्मू कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड के पास नहीं है। अब यह सभी केंद्रीय वक्फ बोर्ड की अधीन हैं। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड का गठन करीब 16 साल पहले मुस्लिम ऑकाफ ट्रस्ट में से ही किया गया था। वक्फ बोर्ड की सालाना आय करीब 26 करोड़ है। पूरे प्रदेश में 970071 कनाल जमीन है। इसके अलावा करीब दो हजार दुकानें, मकान व अन्य इमारती ढांचे भी बोर्ड की परिसंपत्तियों में शामिल हैं।

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जम्मू कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले गुलाम रसूल सोफी ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 जिसके तहत जम्मू कश्मीर दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित हुआ है,में वक्फ बोर्ड के बारे में कोई भी नीति स्पष्ट नहीं है। केंद्र सरकार या केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन ने भी इस बारे में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की। केंद्रीय वक्फ बोर्ड की तरफ से भी मुझे कोई निर्देश प्राप्त नहीं हो रहाथा इसलिए मैने खुद ही इससे अलग होना बेहतर समझा है।

गुलाम रसूल सोफी ने कहा कि इस समय जम्मू कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड अब केंद्रीय वक्फ बोर्ड के अधीनस्थ ही कहा जाएगा और संबधित नियमों के आधार पर ही इसकी गतिविधियां चलेंगी। उन्होंने जम्मू कश्मीरर वक्फ बोर्ड में राजस्व वूसली की प्रक्रिया पूरी तरह से केंद्रीयकृत और पारदर्शी है जबकि केंद्रीय वक्फ बोर्ड मस्जिदों और जियारतगाहों के मुतवालियों को श्रद्धालुओं से दान में नकदी,गहने व अन्य प्रकार का दान प्राप्त करने की छूट रहती है और वह अपने तरीके से संबधित जियारतगाहों का प्रबंधन संभालते हैं। केंद्रीय वक्फ बोर्ड जियारतगाहों व अन्य संबधित धर्मस्थलों की कुल आय का सात प्रतिशत ही अपने लिए प्राप्त करता है जबकि जम्मू कश्मीर में ऐसा नहीं है।

उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड विभिन्न प्रकार के कल्याणकारी कार्यक्रम भी चला रहा था। इस्लामिक यूनीवर्सिटी ऑफ साईंस एंड टैक्नोलाजी भी वक्फ बोर्ड ने ही स्थापित की है इसके अलावा तीन नर्सिंग कालेज भी इसके द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड राज्य में आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में लगातार आगे कदम बढ़ा रहा था, इसके अधीनस्थ शायद ही कोई मदरसा हो।

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड के अधीनस्थ करीब 300 नियमित कर्मचारी हैं। इसक अलावा दक्षिण कश्मीर के त्राल और अवंतीपोर स्थित दो प्रमुख जियारतगाहें भी इसके अधीनस्थ हैं। जम्मू कश्मीर मुस्लिम वक्फ कौंसिल भी इसके अधीन है।


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