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Article 370: कश्मीर में सामान्य होते हालात से स्थानीय लोग भी खुश, पाबंदियां नहीं शांति-रोजगार चाहते हैं लोग

कोई नहीं चाहता कि उनका बच्चा हाथों में हथियार उठाए और एक दिन सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा जाए। वे चाहते हैं कि उनके बेरोजगार बच्चों को बेहतर रोजगार मिले।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 01:59 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 06:06 PM (IST)
Article 370: कश्मीर में सामान्य होते हालात से स्थानीय लोग भी खुश, पाबंदियां नहीं शांति-रोजगार चाहते हैं लोग
Article 370: कश्मीर में सामान्य होते हालात से स्थानीय लोग भी खुश, पाबंदियां नहीं शांति-रोजगार चाहते हैं लोग

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद घाटी में पैदा हुई तनाव की स्थिति अब लगभग सामान्य होती नजर आ रही है। सोमवार को सुबह बच्चे स्कूल जाते नजर आए जबकि लोग काम पर। शहर की सड़कों पर वाहनों की अच्छी-खासी संख्या दिखी। शहर के मुख्य बाजारों में दुकानें तो नहीं खुली परंतु फल व सब्जी विक्रेताओं ने रेहड़िया लगाई हुई थी और लोग खरीददारी भी कर रहे थे। दरअसल आम शहरियों का कहना था कि रोज-रोज के बंद से परेशान हो चुके हैं। कश्मीर के लोग भी शांति चाहते हैं और अपने बेरोजगार बच्चों के लिए रोजगार।

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इस बीच, जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव (योजना आयोग) रोहित कंसल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्कूल खोले गए हैं, छात्रों की उपस्थिति में सुधार हो रहा है। ट्रांसपॉर्ट सेवा की भी स्थिति में सुधर रही है। सभी जरूरी सामानों का आपूर्ति की जा रही है, श्रीनगर के सभी अस्पताल सामान्य तरीके से काम कर रहे हैं। 

सब्जी खरीद रहे सुज्जात अहमद ने कहा कि 5 अगस्त से कश्मीर बंद था। लगभग दो सप्ताह पहले ही पाबंदियां हटने का सिलसिला शुरू हुआ और इस दौरान कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है। बच्चे भी स्कूल जा रहे हैं। सब ठीक हो रहा है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जब लोगों को यह विश्वास दिलाया है कि उनके हितों की कहीं भी अनदेखी नहीं होगी तो हमें उनके कहे पर विश्वास करना चाहिए। कश्मीर के लोग भी शांति चाहते हैं। कोई नहीं चाहता कि उनका बच्चा हाथों में हथियार उठाए और एक दिन सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा जाए। वे चाहते हैं कि उनके बेरोजगार बच्चों को बेहतर रोजगार मिले।

प्रशासन ने सामान्य होते हालात को देखते हुए कश्मीर के 111 थाना क्षेत्रााधिकारों में से 96 थानों के अधीन आने वाले इलाकों में पाबंदियां हटा दी है। प्राइमरी, मिडिल के बाद अब हाई स्कूल में भी बच्चे पढ़ने के लिए आ रहे हैं। यहां बच्चों की संख्या में भी दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। सरकारी कार्यालयों में तो पहले से ही हाजरी पूरी है। गत शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद घाटी में हिंसक प्रदर्शन न भड़के इसको लेकर प्रशासन ने एहतियातन फिर से पाबंदियां लागू कर दी थी परंतु नमाज अता करने के बाद लोगों ने कोई प्रदर्शन नहीं किया। हालांकि प्रशासन ने अभी भी घाटी के कई संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं।

सोमवार को जब शहर की मुख्य सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ी तो ट्रैफिक विभाग के कर्मियों को भी यातायात सुचारू बनाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा। सुरक्षाबलों ने चौकों पर लगाए गए अवरोधक व कंटीली तारें भले हटा दी हैं परंतु उपद्रवियों पर नजर रखने के लिए वे वहीं तैनात हैं। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि घाटी की सुरक्षा व्यवस्था समीक्षा करने के बाद कई अन्य इलाकों से भी पाबंदियां हटाई जा सकती है। घाटी में फिलहाल कई इलाकों में लैंडलाइन शुरू कर दिए हैं। यही नहीं कई जगह पर तो मोबाइल सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं परंतु मोबाइल इंटरनेट, ब्राडबैंड अभी बंद हैं। यह पूरी तरह से कब बहाल होंगे, इस बारे में अभी कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है।


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