Move to Jagran APP

राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले- निकाय चुनाव के बहिष्कार से 35-ए पर असर नहीं

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के निकाय चुनाव बहिष्कार से अनुच्छेद 35 ए पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 08:13 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 08:25 AM (IST)
राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले- निकाय चुनाव के बहिष्कार से 35-ए पर असर नहीं
राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले- निकाय चुनाव के बहिष्कार से 35-ए पर असर नहीं

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के निकाय चुनाव बहिष्कार से अनुच्छेद 35 ए पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्हें यह लड़ाई न्यायालय में लड़नी होगी। उनका मानना है कि जब राज्य में लोकतांत्रिक सरकार चुनकर आए उसी समय इस मामले पर सुनवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार की इस मामले पर चुप्पी पर राज्यपाल ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के अपने कारण हैं, अपनी मजबूरियां हैं।

loksabha election banner

हालांकि उनकी नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डॉ. फारूक अब्दुल्ला जी से बात हुई। दो बार उन्होंने मेरे साथ ही पंचायती चुनाव का समर्थन कर लोगों से इसमें भाग लेने को कहा। मलिक ने कहा कि इससे लोगों का ही विकास होगा। इससे कश्मीर का ही विकास होगा। निकाय व पंचायत चुनाव कश्मीर के लोगों के लिए हैं। कुछ लोग इस पर जरूर राजनीति कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जब महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री थी तो उन्होंने कहा था कि वह उनके घर आकर खाना खाएंगे। अब उन्होंने महबूबा को खाने पर बुलाया परंतु उन्हें पहले महबूबा खाने पर बुलाना चाहती हैं। मलिक ने कहा कि जब उनके घर जाऊंगा तो उनसे भी अनुरोध करूंगा। चुनाव करवाने को लेकर कोई परेशानी नहीं है। दक्षिण कश्मीर के एक हिस्से में आतंकी लोगों को धमकी दे रहे हैं। हम उनके खिलाफ सख्ती करेंगे। चुनाव लड़ने वालों को सुरक्षा दी जाएगी। निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव होंगे।

उन्होंने माना कि पहले स्वतंत्र चुनाव न होने के कारण ही कश्मीर में ऐसी समस्या है। वह एक सरकारी चैनल से बातचीत कर रहे थे। जम्मू कश्मीर में बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार राज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में प्रशासनिक स्तर पर बहुत भ्रष्टाचार है। वह ऐसा सिस्टम बनांएंगे कि भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। भ्रष्ट राजनीतिज्ञों के खिलाफ कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि किसी को यह न लगे कि राजनीतिक कारणों से कार्रवाई हुई। इसलिए जांच करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि दो-तीन उच्च अधिकारियों के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई की है। अन्य के बारे में भी जांच चल रही है। जम्मू कश्मीर का आम नागरिक बहुत ही गरीब है। कश्मीर समस्या का समाधान संवादराज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू कश्मीर की समस्या का समाधान संवाद है। यहां के लोगों की समस्याओं को जानकर उनका समाधान करना होगा। इसके लिए उन्होंने प्रयास भी शुरू कर दिए हैं।

उनका मानना है कि इसमें एक राजनीतिक व्यक्ति अधिक प्रभावी साबित हो सकता है। उन्हें संदेश भी आता है तो उस पर भी कार्रवाई करते हैं। अगर हम हर समय लोगों के लिए उपलब्ध रहेंगे तो यह सभी के लिए बेहतर साबित होगा। यहां के लोगों को त्योहारों पर बिजली नहीं मिलती है तो उनमें गुस्सा होता है। हम प्रयास करेंगे कि लोगों को चौबीस घंटे बिजली मिले। उनकी मूल समस्याओं का समाधान हो। आठ हजार करोड़ रुपये बैंकों से लेकर एक कंपनी बनाएंगे और लोगों की मूल समस्याओं का समाधान करेंगे। हमने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए आते ही काम करवाया। डल झील का संरक्षणडल झील के संरक्षण पर बड़े पैमाने पर काम करेंगे।

जम्मू कश्मीर में बिजली गांव तक पहुंचाने का काम बहुत ही अच्छा हुआ है। नब्बे प्रतिशत काम पूरा हो गया है। शेष काम तीन महीने में पूरा हो जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि यहां के कई प्रमुख स्थलों के नाम कश्मीर के नेताओं के नाम पर करने के लिए वह केंद्र सरकार को लिखेंगे ताकि लोगों का जुड़ाव हो।आइपीएल में श्रीनगर की टीम बनाने का सुझाव राज्यपाल ने कहा कि आतंकवाद दिमाग में होता है। युवाओं में गुस्सा है। वे भारत और पाकिस्तान को पसंद नहीं करते। राजनीतिक दलों के प्रति गुस्सा है। वह ऐसे युवाओं का दिल जीतेंगे। युवाओं के लिए खेलों के लिए स्टेडियम बनाएंगे।

हाल ही में उन्होंने आइपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ला से आइपीएल में श्रीनगर की टीम बनाने का सुझाव दिया। यहां पर आइपीएल का मैच करवाने को कहा। वह कश्मीर में म्यूजिक कंसर्ट करवाएंगे। यहां के विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले युवाओं को देश के अन्य विश्वविद्यालयों में भेंजेगे। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय भेजेंगे ताकि उन्हें एक दूसरे को जानने का मौका मिले। हालांकि इसमें उन्हें जल्दी सफलता नहीं मिलेगी। उनका पूरा प्रयास होगा कि युवाओं का दिल जीतें। जहां जरूरी होगा, वहीं पर फोर्स इस्तेमाल होगी।

बच्चों को आतंकियों के जनाजों में न भेजें

इस समय घाटी में मात्र दो से ढाई सौ आतंकी ही हैं। आतंकी के मरने पर दस हजार के जनाजे में दस ही आतंकी होंगे। लोगों से भी अनुरोध होगा कि वे अपने बच्चों को आतंकियों के जनाजों और प्रदर्शनों में न भेजें। अगर मुठभेड़ हो रही हैं तो वहां पर न जाएं।

कानून व्यवस्था में कोई दखल नहीं

राज्यपाल ने इस बात से इन्कार किया कि राजभवन कानून व्यवस्था में दखल देता है। अगर कोई युवा आतंकी बनता है तो उसके बुजुर्ग पिता को पुलिस स्टेशन में क्यों बिठाना। वह सुरक्षा बलों के किसी भी काम में दखल नहीं देते । उन्हेांने कहा कि सेना बहुत कठिन हालात में काम कर रही है। उन्होंने सफलतापूर्वक घुसपैठ को रोका है। इसीलिए उनका कोई भी मतभेद नहीं है। सभी सुरक्षाबलों का आपस में बेहतर तालमेल है। अमरनाथ यात्रा इसकी मिसाल है। स्थानीय लोगों ने भी यात्रा में अपना पूरा सहयोग दिया।

हर जगह एक जैसा विकास नहीं

राज्यपाल ने माना कि राज्य के तीनों खित्तों जम्मू, कश्मीर, लद्दाख में एक जैसा विकास नहीं हुआ है। उनका प्रयास होगा कि हर जगह बराबर का विकास हो। उनका प्रयास होगा तीनों खित्तों के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर रहे। बहुत से लोग यह भी चाहते हैं कि कश्मीर की भी विभाजित किया जाए लेकिन ऐसा नहीं होगा। राज्यपाल ने कहा कि उनका मानना है कि नेकनियती से अगर काम करेंगे तो लोगों का सहयोग मिलेगा। जानबूझ कर कश्मीर के लोगों का दिल नहीं दिखाऊांगा। प्रशासन को जिम्मेदार बनाऊंगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.