फुल ट्रक बॉडी स्कैनर नहींः लखनपुर में तस्करी रोकने के लिए सेना ने दस साल पहले बनाई थी योजना
पहले लखनपुर में सेना की अपनी चौकी थी जहां सेना के जवान संदिग्ध वाहनों की जांच पड़ताल करते थे। अब हाईवे के विस्तारीकरण के बाद सेना की चौकी हटा ली गई है।
कठुआ, जागरण संवाददाता। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और हथियारों की तस्करी पर नजर रखने के लिए राज्य के मुख्य प्रवेश द्वार लखनपुर में सेना की फुल ट्रक बॉडी स्कैनर की योजना अधर में है।
हालांकि हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए सेना ने दस साल पहले योजना बनाई थी। अगर उस समय की सरकार ने सेना को फुल ट्रक बॉडी स्कैनर लगाने की अनुमति दे दी होती तो तस्करी पर काफी हद तक अंकुश लग जाता। लखनपुर में फल सीजन के दौरान बड़ी संख्या में कश्मीर से ट्रकों की आवाजाही के दौरान तस्करी के प्रयास होते रहते हैं। पहले लखनपुर में सेना की अपनी चौकी थी, जहां सेना के जवान संदिग्ध वाहनों की जांच पड़ताल करते थे। अब हाईवे के विस्तारीकरण के बाद सेना की चौकी हटा ली गई है।
ऐसे में जांच पड़ताल का जिम्मा पूरी तरह पुलिस और लखनपुर एक्साइज विभाग के पास है। पुलिस और एक्साइज विभाग के लिए प्रतिदिन लखनपुर से करीब छह हजार वाहनों की चेकिंग करना संभव नहीं हो पाता, जिसमें करीब एक हजार ट्रक होते हैं। ऐसे में ट्रकों में लदे सामान की आड़ में देश के दुश्मन कुछ भी छिपाकर ले जाने की फिराक में रहते हैं। वीरवार को भी एक ट्रक में सेब के खाली डिब्बों मेंं छिपाकर रखे गए घातक हथियार बरामद हुए थे।
अगर खुफिया एजेंसी की सूचना नहीं होती तो ट्रक चेकिंग कराने के बाद वहां से निकल जाता और जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर जाता। हालांकि लखनपुर में चेकिंग के लिए कई बैरियर हैं। पुलिस, वन, पशुपालन, एक्साइज व आरटीओ विभाग की चेकिंग नाके भी हैं। ऐसे में अगर वहां से वाहन चेकिंग कराने के बाद निकल सकते हैं तो फिर नए बने पंजाब से सड़क संपर्क जहां चेकिंग के नाम पर सिर्फ दो तीन कर्मी ही होते हैं, वहां से तस्करी की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
- लखनपुर में सभी वाहनों की मैन्युअल चेकिंग संभव नहीं है। ऐसे माहौल में लखनपुर में फुल बॉडी स्कैनर की बड़ी जरूरत है। जहां ट्रक चेकिंग के लिए रुकने पर उसमें क्या लोड है, सब कंप्यूटर पर आ जाए। -प्रदीप मन्हास, डीसी, एक्साइज विभाग लखनपुर
- मेरे ध्यान में अभी तक लखनपुर में हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए फुल बॉडी स्कैनर की योजना नहीं है। न ही पूर्व मेंं हुई बैठकों में इसकी चर्चा हुई है। -श्रीधर पाटिल, एसएसपी, कठुआ