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एनआईए ने आतंकी फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर में 12 जगह छापेमारी की

एनआईए ने आतंकी फंडिंग से जुड़े तार खंगालने के लिए हरियाणा और दिल्ली समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 16 Aug 2017 12:27 PM (IST)Updated: Wed, 16 Aug 2017 12:52 PM (IST)
एनआईए ने आतंकी फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर में 12 जगह छापेमारी की
एनआईए ने आतंकी फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर में 12 जगह छापेमारी की

श्रीनगर, [जेएनएन]। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर स्थित अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आतंकी फंडिंग मामले में कड़ा रुख अपनाया हुआ है। इसी सिलसिल में एनआईए की टीम ने ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में 12 जगह छापेमारी की है। जिसमें श्रीनगर, हंदवाड़ा, बारामूला में छापेमारी की गई है।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रीनगर में कारोबारी के दो ठिकानों पर छापेमारी की गई है। छापेमारी अब अभी भी जारी है। आतंकी फंडिंग मामले में एनआईए की टीम अब तक कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर चुकी है। एनआईए ने करीब 20 दिनों तक अलगाववादी नेताओं से पूछताछ की थी। पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं, जिसको लेकर एनआईए  की जांच जारी है। पिछली सुनवाई में हुर्रियत नेता गिलानी के दामाद अल्ताफ फंटूश समेत मेहराजुद्दीन कलवाल, पीर सैफुल्लाह और नईम खान को कोर्ट ने 28 अगस्त तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया है। गौरतलब है कि कश्मीर में टेरर फंडिंग को लेकर कुल 7 अलगाववादी नेताओं को पिछले महीने एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया था।

इनमें से तीन नेताओं से लगातार 10 दिन तक एनआईए ने पूछताछ की। एनआईए इन्हीं नेताओं से आगे भी पूछताछ करना चाहती थी।  लिहाजा, कोर्ट ने बीते 4 अगस्त को तीन नेताओं को 30 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। एनआईए ने कोर्ट में दलील दी कि जब से इनकी गिरफ्तारी हुई है, घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में खासा कमी आई है। आतंकियों फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के बड़े बेटे और पेशे से डॉक्टर नईम और छोटे बेटे नसीम से एनआईए की टीम ने (08 अगस्त) मंगलवार को पूछताछ की है। नसीम कश्मीर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत है। मामले के तार जमात उद-दावा प्रमुख और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज मुहम्मद सईद से भी जुड़े हैं।

 नईम को अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत का स्वभाविक उत्तराधिकारी माना जा रहा है। इसके तार पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी गुटों से भी जुड़े हैं। गिलानी बंधु (08 अगस्त) मंगलवार सुबह तकरीबन 11 बजे एनआईए मुख्यालय पहुंचे।

सूत्रों ने बताया कि उनसे घंटों पूछताछ हुई। इससे पहले नईम को 27 जुलाई और एक अगस्त को तलब किया गया था। वहीं, नसीम को 2 अगस्त को पूछताछ के लिए हाजिर होने का नोटिस भेजा गया था। दोनों अब तक एनआईए के समक्ष पेश होने से बचते रहे थे। बता दें कि एनआइए ने इस मामले में 30 मई को केस दर्ज किया था। इसमें कश्मीर घाटी में सक्रिय अलगाववादी नेताओं पर आतंकी संगठनों से जुड़े होने का आरोप लगाया गया है। हाफिज सईद का नाम भी आरोपी के तौर पर शामिल है।

एफआइआर में अलगाववादी नेताओं द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य में अलगाववाद और आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए हवाला समेत अन्य अवैध तरीकों से धन जुटाने की बात कही गई है। एनआईए ने सुरक्षाबलों के खिलाफ पत्थरबाजी, स्कूलों में आगजनी, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे संगीन आरोप भी लगाए हैं।

 एनआईए ने आतंकी फंडिंग से जुड़े तार खंगालने के लिए हरियाणा और दिल्ली समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की गई है। घाटी में आतंकियों के सिर उठाने के बाद यह पहला मौका है, जब केंद्रीय जांच एजेंसी ने अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए छापे मारे हैं। इस मामले में शब्बीर शाह और गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह को गिरफ्तार किया जा चुका है।


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