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NIA in Kashmir: एनआइए ने जैश-ए-मोहम्मद के ओजीडब्ल्यू रेशी के पिता की संपत्ति अटैच की

इरशाद अहमद रेशी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) आतंकवादी समूह का एक सक्रिय ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) था। वह मारे गए आतंकवादी और जैश कमांडर नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ ​​नूर त्राली का करीबी था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 03:43 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 03:50 PM (IST)
NIA in Kashmir: एनआइए ने जैश-ए-मोहम्मद के ओजीडब्ल्यू रेशी के पिता की संपत्ति अटैच की
NIA in Kashmir: एनआइए ने जैश-ए-मोहम्मद के ओजीडब्ल्यू रेशी के पिता की संपत्ति अटैच की

श्रीनगर, जेएनएन। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआइ) ने शनिवार को सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर लेथपुरा पर हमले में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) इरशाद अहमद रेशी के पिता नजीर अहमद रेशी की संपत्ति को अटैच करने के निर्देश दिए हैं। वर्ष 2017 में आतंकवादियों द्वारा सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर किए गए हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे जबकि मु्ठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादियों को भी ढेर किया था।

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एएनआइ नई दिल्ली के डीजीपी का आदेश मिलने के बाद इस मामले की जांच कर रहे डीएसपी रवीन्द्र कुमार ने जिला पुलवामा के काकपोरा के रत्नीपोरा में बने मकान व उसके साथ 17 मरने भूमि को अटैच कर लिया है। जांच में यह बात सामने आई है कि यह संपत्ति ओजीडब्ल्यू ने आतंकवाद से कमाए गए धन से बनाई है। यही नहीं इसका प्रयोग जैश-ए-मोहम्मद संगठन की गतिविधियों के लिए किया जाता रहा है।

एनआइए के अनुसार इरशाद अहमद रेशी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) आतंकवादी समूह का एक सक्रिय ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) था। वह मारे गए आतंकवादी और जैश कमांडर नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ ​​नूर त्राली का करीबी था। वर्ष 2017 में जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर, लेथपोरा पर किया गया यह हमला सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए नूर त्राली की मौत का बदला लेने के लिए एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया था। हालांकि यह बात एनआइए के प्रवक्ता ने पिछले साल अप्रैल में इरशाद की गिरफ्तारी के समय भी कही थी।

इस मामले में की जा रही जांच के दौरान एनआइए ने पाया कि ओजीडब्ल्यू इरशाद का भी इस हमले में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।उसी ने हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को आश्रय, वाहन सहित अन्य सहायता प्रदान की। हमले से पहले सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर की टोह भी उसी ने लगाई थी।


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