Jammu Kashmir: एनआइए ने डीएसपी देविंदर सिंह मामले में आतंकी तारिक मीर को गिरफ्तार किया
मीर से गहनता से पूछताछ हो रही है। उम्मीद है कि जैसे-जैसे जांच का सिलसिला आगे बढ़ेगा आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
जम्मू, जेएनएन। DSP Davinder Singh Case: आतंकवादियों के साथ गठजोड़ के आरोप में पकड़े गए निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने वीरवार को बड़ी कामयाबी हासिल करने का दावा किया है। एनआइए ने कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को रसद मुहैया कराने वाले कथित आतंकवादी तारिक अहमद मीर को भी गिरफ्तार किया है।
एनआइए के एक अधिकारी ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हमने मीर को कश्मीर में आतंकवादियों को रसद प्रदान करने में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया है। मीर ने कई मौकों पर कश्मीर में आतंकवादियों को समर्थन दिया है। वह लंबे समय से आतंकवादियों के साथ सक्रिय था। इसी वजह से वह डीएसपी देविंदर सिंह के संपर्क में भी था। पूछताछ के दौरान जब एजेंसी को मीर के बारे में पता चला, तभी से उसकी तलाश की जा रही थी। एनआइए मीर और डीएसपी के संबंधों की जांच कर ही है। इस बात का पता भी लगाया जा रहा है कि देविंदर सिंह के अलावा कोई और पुलिस अधिकारी मीर के संपर्क में तो नहीं था।
इन सवालों का जवाब ढूंढा जा रहा है। मीर से गहनता से पूछताछ हो रही है। उम्मीद है कि जैसे-जैसे जांच का सिलसिला आगे बढ़ेगा आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
सनद रहे कि इसी साल 11 जनवरी को पुलिस ने निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तब गिरफ्तार किया था जब वह आतंकवादी नावेद, रफी और इरफान को जम्मू ले जा रहा था। जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद मामला एनआइए को सौंप दिया गया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों आतंकवादियों और वकील ने जम्मू पहुंचने के बाद पाकिस्तान जाने की योजना बनाई हुई थी। सिंह को बाद में ट्रांजिट रिमांड पर श्रीनगर से जम्मू ले जाया गया जहां एनआइए की टीम ने उनसे पूछताछ की। जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद श्रीनगर में उसके आवास पर कई बार छापे मारे गए। डीएसपी देविदंर सिंह जम्मू-कश्मीर पुलिस के श्रीनगर में एंटी हाइजैकिंग विंग के साथ तैनात था। यही नहीं वह उस सुरक्षा कर्मचारियों का हिस्सा भी था जिन्हें कश्मीर का दौरा करने आ रहे विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था।