36 दिन चली एनएचएम कर्मियों की हड़ताल राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद स्थगित
एसोसिएशन के प्रधान रोहित सेठ ने बताया कि राज्यपाल ने राज्य के वर्तमान हालात के मद्देनजर उन्हें काम पर वापस लौटने के लिए कहा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। पिछले 36 दिनों से जारी नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों की हड़ताल राज्यपाल सत्यपाल मलिक के हस्तक्षेप के बाद स्थगित हो गई। राज्यपाल ने फोन कर एनएचएम इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रधान रोहित सेठ काे आश्वासन दिया कि मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में कमेटी गठित कर उनकी मांगों को पूरा करने के लिए प्रयास जाएगा। कमेटी में एसोसिएशन के सदस्यों को शामिल किया जाएगा। इसके बाद एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल को मार्च महीने के प्रथम सप्ताह तक स्थगित करने का फैसला किया।
कर्मचारी राज्य प्रशासन से सभी कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से स्थायी करने, जितना काम, उतना वेतन, महिला कर्मचारियों को छह महीने का मातृत्व अवकाश देने और तबादला नीति बनाने की मांग कर रहे हैं। पांच कर्मचारी मांगे पूरी करवाने के लिए आमरण अनशन पर बैठे थे। उन्हें मनवाने के लिए रविवार को पहले भाजपा के प्रदेश प्रधान रवींद्र रैना पहुंचे और उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। इसके बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने फोन कर उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को पूरा करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। बाद में प्रदेश प्रधान भाजपा रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता ने उनकी हड़ताल खुलवाई।
एसोसिएशन के प्रधान रोहित सेठ ने बताया कि राज्यपाल ने राज्य के वर्तमान हालात के मद्देनजर उन्हें काम पर वापस लौटने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इसी के मद्देनजर उन्होंने मार्च महीने के प्रथम सप्ताह तक हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया। जो भी कर्मचारी नौकरी से बर्खास्त किए गए हैं, उन आदेशों को भी वापस लेने का राज्यपाल ने आश्वासन दिया है। इस बारे में उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से बात की है। नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों के इस फैसले के बाद अब सोमवार से राज्य भर में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर लौटने की उम्मीद है।
यह है मुख्य मांगे
- - सभी कर्मियों को चरणबद्ध तरीके से स्थायी करना
- - जितना काम उतना वेतन
- - महिला कर्मियों को छह महीने का मातृत्व अवकाश
- - तबादला नीति बनाना
- - सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देना