गैमन इंडिया और एचसीसी को एक-एक करोड़ जुर्माना
राज्य ब्यूरो, जम्मू : दरिया चिनाब और तवी नदी में मलबा और मिट्टी फेंकने व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने
राज्य ब्यूरो, जम्मू : दरिया चिनाब और तवी नदी में मलबा और मिट्टी फेंकने व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर दो कंपनियों को एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यह जुर्माना गैमन इंडिया लिमिटेड और ¨हदुस्तान कंस्ट्रकशन कंपनी (एचसीसी) लिमिटेड को लगाया है। दोनों कंपनियां श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के उधमपुर-बनिहाल सेक्शन को फोरलेन बना रही हैं।
एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि तीन माह में हालात सुधारने के लिए एक-एक करोड़ रुपये की परफार्मेस गारटी जमा करवाए। इसके साथ ही एक माह के भीतर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) में एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि जमा करवाई जाए। वहीं परफार्मेस गारंटी सीपीसीबी की संतुष्टि के आधार पर एक माह में जमा करवाई जाए। ट्रिब्यूनल ने यह आदेश जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जेआर कोतवाल के नेतृत्व वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए दिया। डंपिंग साइट्स का इस्तेमाल हो बंद
पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जेआर कोतवाल के नेतृत्व वाली निगरानी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है परियोजना प्रस्तावक को डंपिंग साइट्स का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। राज्य सरकार और वन विभाग को परियोजना का मलबा ठिकाने लगाने के लिए पर्याप्त संख्या में नई डंपिंग साईटस प्रदान करने में गंभीरता दिखानी चाहिए। जांच समिति ने पर्यावरण को पहुंच रहे नुकसान पर गहरी चिंता भी व्यक्त की है। समिति की रिपोर्ट को नहीं दी जा सकती चुनौती
एनजीटी ने रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कहा कि हालात को पूरी तरह मद्देनजर रखते हुए समिति ने जांच में जो हालात बयान किए हैं, उन्हें चुनौती नहीं दी जा सकती है। गैमन इंडिया लिमिटेड और ¨हदुस्तान कंस्ट्रकशन कंपनी को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए एक-एक करोड़ रुपये की अंतरिम मुआवजा राशि जमा करवाने को आदेश दिया जाता है। इसके साथ ही इन दोनों कपंनियों को सुझाए गए तौर तरीकों के साथ अगले तीन माह के भीतर स्थिति सुधारने के लिए परफार्मेंस गांरटी के तौर पर भी एक-एक करोड़ रुपये जमा करवाने होंगे। रामबन के अमरेश ने दायर की थी याचिका
चिनाब और तवी नदी में मलबा और मिट्टी को ठिकाने लगाकर पर्यावरण को पहुंचाए जा रहे नुकसान पर चिंता जताते हुए रामबन निवासी अमरेश ¨सह ने याचिका दायर की थी। याचिकाकत्र्ता ने ट्रिब्यूनल से आग्रह किया था कि वह प्राधिकारियों को ऊधमपुर से बनिहाल तक राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान जल संसाधनों मे मलबा फेंकने से रोका जाए। एडवोकेट स्वर्ण किशोर ¨सह के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि हाईवे को फोरलेन बनाने का काम बेतरतीब तरीके से जारी है और मलबे को सीधा चिनाब और तवी नदी में फेंका जा रहा है।