जम्मू-कश्मीर में अगले चार दिन चुनौती भरे, अजीत डोभाल-राज्यपाल हालात पर रखे हुए हैं नजर Jammu News
प्रशासन का पूरा प्रयास है कि कोई भी नमाज के बाद माहौल को खराब न कर सके। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से लेकर राज्य प्रशासन सभी के लिए यह एक चुनौती है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। अनुच्छेद 370 हटने के बाद हालात सामान्य बनाने में केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक व प्रशासनिक खेमा जुटा है। आने वाले चार दिन केंद्र व राज्य सरकार के लिए ही चुनौतीपूर्ण हैं। 12-13 अगस्त को ईद का पर्व है। 14 को पाक की आजादी का दिन और 15 अगस्त को देश का स्वतंत्रता दिवस है। शरारती तत्व कश्मीर में हर बार इन चार दिनों में माहौल बिगाडऩे के प्रयास में रहते हैं। इस बार केंद्र ने 15 अगस्त के दिन कश्मीर की सभी पंचायतों में तिरंगा फहराने की योजना बनाई है। हालांकि डोभाल खुद कश्मीर में रहकर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कश्मीर में जगह-जगह जाकर लोगों के बीच जाकर विश्वास दिला रहे हैं कि 370 का हटना जम्मू कश्मीर के हित में है। सोमवार को बकरीद है। इस दिन कश्मीर में लाखों की संख्या में लोग मस्जिदों में जुटकर नमाज अता करते हैं। पूर्व में कई बार नमाज के बाद कश्मीर में प्रदर्शन और ङ्क्षहसा के मामले देखने को मिले हैं। केंद्र सरकार स्वयं पल-पल की जानकारी ले रही है।
10 जिलों से ली बैठक की जानकारी
रविवार को कश्मीर संभाग के सभी 10 जिलों के डिप्टी कमिश्नरों से जिलों के हालात की जानकारी ली। उन्हें यह सुनिश्चित बनाने को कहा कि कहीं पर भी स्थिति खराब करने में कोई सफल न हो। कश्मीर में सबसे बड़ा समारोह ईदगाह मैदान में होता है। प्रशासन का पूरा प्रयास है कि कोई भी नमाज के बाद माहौल को खराब न कर सके। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से लेकर राज्य प्रशासन सभी के लिए यह एक चुनौती है।
...ताकि न फहराएं पाकिस्तान के झंडे
केंद्र व राज्य सरकार के लिए दूसरी सबसे बड़ी चुनौती 14 अगस्त की है। इस दिन पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस होता है। पूर्व में कश्मीर के कई स्थानों विशेषकर दक्षिण कश्मीर में पाकिस्तान के झंडे फहराए जाते हैं। इस साल भी शरारती तत्वों का यह प्रयास रहेगा कि वे पाक के झंडे फहरा सकें। लेकिन केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार ग्राउंड मैनेजमेंट में जुटे हुए हैं। वह लोगों विशेषकर युवाओं को समझा रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकार ने कश्मीर में सीआरपीएफ की अतिरिक्त कंपनियां भी तैनाती की हैं। वे इस बात को सुनिश्चित बना रहे हैं कि कोई भी कहीं पर भी पाक के झंडे न फहरा सके। इससे यह भी संदेश जाएगा कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में जो बदलाव आ रहा है, वे स्थायी है। यही नहीं सरकार ने लोगों को उकसाने वाले नेताओं और अलगाववादियों दोनों को हिरासत में ले रखा है। अगर सरकार इस चुनौती से निपटने में सफल रहती है तो इससे यह साफ हो जाएगा कि कुछ नेताओं के कारण ही कश्मीर में ऐसा हो रहा है।
आतंक के गढ़ में लहराएंगे तिरंगे
स्वतंत्रता दिवस पर राज्य प्रशासन और केंद्र सरकार पंचायत स्तर पर तिरंगा फहराने जा रही है। दक्षिण कश्मीर के आतंकग्रस्त रहे चार जिले शोपियां, पुलवामा, कुलगाम और अनतंनाग में भी पंचायत स्तर पर तिरंगे फहराए जाएंगे। प्रदेश भाजपा ने भी अपने कार्यकर्ताओं को राज्य में पचास हजार तिरंगे फहराने के लिए कहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल लगातार कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों व स्थानीय लोगों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। सरकार किसी भी जगह पर कमजोर होने का संदेश नहीं देना चाहती। सरकार ने पहले से ही सभी अलगाववादियों को हिरासत में ले लिया है। कई पत्थरबाज भी अंदर किए हुए हैं। राज्य प्रशासन स्वतंत्रता दिवस को यादगार बनाने के लिए सभी कदम उठा रही है। अब यह देखना होगा कि अगले चार दिनों में राज्य प्रशासन कितना चुनौतीपूर्ण ढंग से इसका सामना करता है।
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