Jammu: भठिंडी नाके पर पुलिस कर्मियों से मारपीट के मामले में नया मोड़, एंबुलेंस रोकने से बच्चे की मौत का आरोप
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गत शनिवार रात करीब साढ़े बजे नाके पर तैनात सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल मंजूर हुसैन को फैसल और उसके तीन सदस्यों ने पीट दिया था।
जम्मू, जागरण संवाददाता: भठिंडी नाके पर पिछले दिनों पुलिस कर्मियों से मारपीट के मामले में नया मोड़ आ गया है। आरोपित पक्ष ने पुलिस कर्मियों पर आरोप लगाया कि नाके पर एंबुलेंस को एक घंटा तक रोककर रखा गया, इससे गर्भवती का ब्लड प्रेशर बढ़ गया, जिससे बच्चे की पेट में ही मौत हो गई। गर्भवती महिला को एसएमजीएस ले जाया जा रहा था। जम्मू पुलिस ने भठिंडी पुलिस पर लगे आरोपों को वेबुनियाद बताया है।
एसएचजीएस अस्पताल में भर्ती महिला के पति आमिर मलिक ने बताया कि शनिवार की रात उसके घर के बाहर भठिंडी पुलिस चौकी के मुंशी ने अपनी कार को पार्क किया था, जिससे उसकी कार बाहर नहीं आ रही थी। आमिर का आरोप है कि मुंशी ने कार हटाने से इन्कार कर दिया और गाली-गलौच करने लगा। कुछ देर के बाद जैसे ही वह एंबुलेंस से पत्नी को लेकर ब¨ठडी नाके पर पहुंचा तो पुलिस कर्मियों ने एंबुलेंस को रोक लिया। काफी विनती की, लेकिन जाने की इजाजत नहीं दी। एंबुलेंस के साथ चल रहे परिवार के सदस्यों की कार पर पुलिस कर्मियों ने खूब डंडे बरसाए। विरोध करने पर आमिर के पिता फारूक मलिक और उसके छोटे भाई को पुलिस कर्मी पीटते हुए भ¨ठडी चौकी पर ले गए। आमिर, उसकी बहन, छोटे भाई और पिता के विरुद्ध संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया। जब रात को पुलिस चौकी में बंद लोगों को खाना देने गए तो चौकी में भी उसके साथ भी मारपीट की गई। आमिर ने गृहमंत्री अमित शाह, उप राज्यपाल जीसी मुमरू और पुलिस महानिदेशक से मामले की जांच करवाने की मांग की।
आरोप पूरी तरह बेबुनियाद : पुलिस
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गत शनिवार रात करीब साढ़े बजे नाके पर तैनात सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल मंजूर हुसैन को फैसल और उसके तीन सदस्यों ने पीट दिया था। उसके बाद त्रिकुटा नगर पुलिस थाने में आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारियों ने जब नाके पर तैनात कर्मियों पर लगे आरोपों की जांच की तो यह बात सामने आई कि पुलिस कांस्टेबल मंजूर हुसैन की कार बारिश के कारण सड़क पर फंस गई थी। जब वह अपनी कार को हटा रहा था तो इस दौरान कार नंबर जेके02एबी-1999 में सवार लोग कार से निकले और पुलिस कर्मी को गालियां देने लगे। उससे मारपीट। पुलिस कर्मी को घायल अवस्था में छोड़ कर फरार हो गए थे। कार को पुलिस कर्मियों ने नाके पर रोक लिया था। कार में जब गर्भवती महिला को देखा तो उसे तुरंत वहां से जाने की इजाजत दे दी गई। एकघंटे तक गाड़ी रोकने की बात झूठ है। भ¨ठडी से एसएमजीएस अस्पताल कार बीस मिनट में पहुंच गई थी। जांच चल रही है।