जम्मू-कश्मीर में निकाय परिणामों से भाजपा को सत्ता की उम्मीदें
स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की एतिहासिक जीत के साथ ही राज्य में विधानसभा चुनाव शीघ्र होने का रास्ता प्रबल हो गया है।
जम्मू अवधेश चाैहान : स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की एतिहासिक जीत के साथ ही राज्य में विधानसभा चुनाव शीघ्र होने का रास्ता प्रबल हो गया है। इसके संकेत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने जम्मू निकाय चुनावों में भारी जीत से आश्वस्त होने के बाद कहा कि जम्मू कश्मीर में जल्द ही भाजपा का मुख्यमंत्री होगा। यहां तक संभव है, यह चुनाव राज्य में अागामी लोकसभा चुनावों के साथ ही करवा लिए जाएं। भाजपा जम्मू संभाग में अप्रत्यक्षित चुनाव नतीजों से फूली नही समां रही है।
जम्मू संभाग में कुल 521 म्युनिसपल कमेटी में 520 पर चुनाव हुआ जिसमें भाजपा को 212 सीटे मिली। यहां तक कि जम्मू नगर निगम के 75 वार्डों में से भाजपा 43 सीटे मिली हैं, इसमें कांगेंस 14 सीटे जीत कर तीसरे स्थान पर रही, जबकि 18 सीटे निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं। इन चौंकाने वाले नतीजों से भाजपा को अपनी लहर दिख रही हैं। भाजपा का 10 जिलों में प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। अगर वर्ष 2005 में हुए निकाय चुनावों पर नजर डाले तो जम्मू नगर निगम में भाजपा और शिव सेना को मिलाकर कुल 26 सीटे मिली। यह दीगर बात है कि जम्मू संभाग से अभी तक दो ही मुख्यमंत्री बने है, इनमें मेहर चंद महाजन और गुलाम नबी आजाद शामिल है। कश्मीर से अभी तक 10 मुख्यमंत्री रहे हैं। कश्मीर संभाग में भाजपा ने सौ सीटे जीत कर इतिहास रचा है। जिससे भाजपा को निकाय चुनावों के परिणामों में विधानसभा चुनावों में अपनी जीत की झलक दिख रही है। वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को रिकार्ड 25 सीटे मिली।
कश्मीर संभाग में विधान सभा की 44 सीटे है, जबकि 4 सीटे लद्दाख और 37 सीटे है। भाजपा की कोशिश होगी गत विधानसभा चुनावों में 30 या उससे अधिक सीटे जीत कर प्रतिद्वंदी नेशनल कांफ्रेस, पीडीपी के सामने सिवाए भाजपा के दूसरा विकल्प न छोड़े। संभवता भाजपा की कोशिश रहेगी कि पीपुल्स कांफ्रेस जो कश्मीर केंद्रित पार्टी है 5 सीटे निकाल लेती है और लद्दाख की 4 सीटों पर भाजपा अपना वर्चस्व कायम कर लेती है तो भाजपा जम्मू कश्मीर में सबसे बड़े दल के नाते अपना मुख्यमंत्री होने का दावा कर सकती है। भाजपा की कोशिश होगी कि कि जम्मू संभाग के 10 जिलों में अपनी पैठ को बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भाजपा कश्मीर में अटल बिहारी वाजपेयी के फार्मूले को आगे बढ़ाने से भी पीछे नही हटेगी। इसके लिए भाजपा लोकसभा चुनावों के बीच राज्य में शीघ्र कुछ उदारवाी फैसले ले सकती है, ताकि इसका लाभ विधानसभा चुनावों में मिले।