भद्रवाह, जागरण संवाददाता : उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह जम्मू संभाग के डोडा में भी एक मस्जिद, लड़कियों के मदरसे और कई घरों समेत 21 भवनों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। खतरे को देखते हुए प्रशासन हरकत में आया और प्रभावित 19 परिवारों के करीब 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है।
एहतियातन अन्य लोगों को भी वहां से निकाला जा रहा है। गांव खाली करने से जहां ग्रामीण ¨चतित हैं। वहीं, प्रशासनिक अधिकारी दौरे कर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। भूगोलविदों ने भी गांव में जाकर स्थिति जांची और कहा कि क्षेत्र में जमीन धंस रही है।
21 घरों में पड़ा प्रभाव
जम्मू संभाग के अंतर्गत बटोत-किश्तवाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-244) पर डोडा जिले के नई बस्ती गांव में लगभग 60 घर व इमारतें हैं। यह गांव राष्ट्रीय राजमार्ग से बिल्कुल सटा हुआ है और दो नदी पावर प्रोजेक्ट से करीब पांच किलोमीटर दूर है। यदि जमीन धंसने का सिलसिला जारी रहता है तो बटोत-किश्तवाड़ हाईवे को भी नुकसान हो सकता है। प्रभावित ग्रामीणों के अनुसार, पिछले वर्ष दिसंबर में गांव के दो घरों में अचानक दरारें आने से वे डर गए थे।
धीरे-धीरे अन्य घरों में भी दरारें बढ़ती गईं और इस सप्ताह यह सिलसिला 21 भवनों तक पहुंच गया। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और डोडा के जिला उपायुक्त विशेष पाल महाजन और एसएसपी अब्दुल क्यूम ने गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
भूगोलविद ने बताया - प्रभावित क्षेत्र में जमीन धंस रही है
उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन के एक बड़े शेड में रखा गया है। जिला उपायुक्त ने बताया कि हमने नेशनल हाईवे के भूगोलविद को बुलाया था। इसके बाद हमने जिला रामबन के चंद्रकोट बगलिहार पावर प्रोजेक्ट और किश्तवाड़ जिले के दुल हस्ती पावर प्रोजेक्ट के भूगोलविद को भी बुलाया।
उन्होंने भी स्थिति का जायजा लिया। डोडा के अतिरिक्त राजस्व आयुक्त डा. रवि कुमार भारती ने कहा कि भूगोलविद ने जायजा लेने के बाद बताया कि प्रभावित क्षेत्र में जमीन धंस रही है।
जोशीमठ से जोड़ना गलत
ठाठरी के एसडीएम अत्तर अमीन जरगर ने कहा कि इसको जोशीमठ से जोड़ना गलत होगा। उन्होंने कहा कि यह सही है कि पिछले माह एक दो घरों मे दरार आई थी, लेकिन इस माह एक पहाड़ी में भूस्खलन भी हुआ था, जिससे अन्य घरों में भी दरार आई है। प्रशासन ने प्रभावित लोगों के रहने और खाने का प्रबंध किया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।