जम्मू-कश्मीर के पर्वतीय क्षेत्रों में दौड़ेंगी नई बसें, गोवा के प्लांट में तैयार 15 बसें जम्मू पहुंचीं Jammu News
जम्मू-कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (जेकेएसआरटीसी) ने जम्मू और श्रीनगर में आठ चार्जिंग प्वाइंट लगाने के लिए राज्यपाल प्रशासन को करीब तीन करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है।
जम्मू, विकास अबरोल। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एसआरटीसी) की नई बस सेवा की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। टाटा मोटर निर्मित 36 बसों में से 15 जम्मू पहुंच गई हैं। शेष 21 बसें अगले सप्ताह जम्मू पहुंच जाएंगी।
गोवा के प्लांट में तैयार 32 सीटर 15 बसें बुधवार को विजयपुर स्थित टाटा कंपनी यार्ड में पहुंची। स्टेट मोटर गैराज के निदेशक जाकिर हुसैन चौधरी ने बताया कि उन्होंने खुद इन बसों का मुआयना किया है। गोवा से ट्राले पर निकली 21 अन्य बसें दिल्ली पहुंच चुकी हैं। टाटा मोटर कंपनी के अधिकारियों से इन बसों को जल्द जम्मू पहुंचाने के लिए कहा है ताकि राज्यपाल प्रशासन से निर्देश मिलते ही इन्हें एसआरटीसी को सौंप दिया जाएगा। फिलहाल, जब तक सभी बसें जम्मू नहीं पहुंच जाती तब तक इनकी डिलीवरी स्टेट मोटर गैराज को नहीं की जाएगी। एसआरटीसी इन बसों को गुरेज घाटी सहित डोडा, रामबन और किश्तवाड़ के रूट पर दौड़ाएगी, ताकि पहाड़ी जिलों के यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्यों तक पहुंचाया जा सके।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पर्वतीय क्षेत्रों में 15 अगस्त के बाद नई बस सेवा का श्रीगणोश होना था, लेकिन अनुच्छेद 370 हटने के बाद बने हालात और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में बाढ़ के कारण तय समय पर बसों की डिलीवरी नहीं हो पाई।
जम्मू और श्रीनगर में इलेक्ट्रिक बसों के लिए बनाए जाएंगे 8 चार्जिंग प्वाइंट
जम्मू। जम्मू-कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (जेकेएसआरटीसी) ने जम्मू और श्रीनगर में आठ चार्जिंग प्वाइंट लगाने के लिए राज्यपाल प्रशासन को करीब तीन करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इससे भविष्य में चार्जिंग प्वाइंट स्टेशन खराब हो जाने की सूरत में अन्य चार्जिंग प्वाइंट में इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज कर यात्रियों की आरामदायक यात्र के लिए ई-बस सेवा को बहाल रखा जा सकेगा।
एसआरटीसी को भारत सरकार की फेम-1 (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाईब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना के तहत जम्मू और श्रीनगर को 20-20 इलेक्ट्रिक बसें मिली। टाटा कंपनी द्वारा निर्मित 40 इलेक्ट्रिक बसों के साथ एसआरटीसी को आठ फॉस्ट चार्जर भी दिए गए। अभी तक जम्मू के रेलवे हैड स्थित कारपोरेशन के यार्ड में केवल दो ही चार्जर लगाए गए हैं, जबकि यही हाल श्रीनगर का भी है। वहां भी दो चार्जर स्थापित किए गए हैं। चूंकि एक बस को चार्जिंग करने में दो घंटों का समय लगता है ऐसे में कारपोरेशन को इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने के बाद इनको चार्जिंग करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गत सोमवार को रेलवे हैड स्थित चार्जिंग प्वाइंट के साथ लगा 620 केवी का ट्रांसफार्मर खराब हो गया। इसकी वजह से शहर के 20 रूटों पर दौड़ने वाली कारपोरेशन की इलेक्ट्रिक बस सेवा प्रभावित रही।
एसआरटीसी की मैकेनिकल विंग के जनरल मैनेजर रशीद गारबी ने बताया कि मंगलवार देर शाम तक 620 केवी का नया ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है। इसकी छह घंटों तक चार्जिंग करने के उपरांत बुधवार दिनभर केवल छह बसों की ही फुल चार्जिंग संभव हो पाई है। बुधवार को शहर के केवल छह रूट ही बहाल हो सके, जबकि वीरवार को शहर के सभी 20 रूट पर कारपोरेशन की इलेक्ट्रिक बस सेवा बहाल हो जाएगी। उन्होंने बताया कि कारपोरेशन को जम्मू और श्रीनगर में आठ चार्जिंग प्वाइंट लगाने के लिए 11 केवी की लाइन सहित 620 ट्रांसफार्मर की जरूरत है। इसके लिए कुल 2.81 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसका प्रस्ताव बनाकर राज्यपाल प्रशासन को भेज दिया गया है।
उम्मीद है कि जल्द ही इसकी मंजूरी मिलने के उपरांत सभी चार्जिंग प्वाइंट स्थापित कर दिए जाएंगे और फिर भविष्य में ई-बस की चार्जिंग में कोई असुविधा नहीं होगी। जम्मू के नरवाल और बिक्रम चौक में चार्जिंग प्वाइंट लगाए जाएंगे। यात्रियों से बात करने पर उनको कहना था कि सरकार को पूरी तैयारी करने के बाद इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारना चाहिए था। पहले चाजिर्ग प्वाइंट लगाने चाहिए थे। यदि ऐसा किया गया होता तो बसों के चार्ज होने की समस्या नहीं आती।
बरसात के मौसम में शहर की ज्यादातर सड़कों में गडढे बन गए हैं। ग्रामीण इलाकों में तो सड़कों का बहुत बुरा हाल है। कई इलाकों में सड़कों पर तारकोल उखड़ गया है, जिसकी वजह से उसमें बने गड्ढों में पानी भर जाता है। नरवाल, रेलवे स्टेशन, बस अडडा के अलावा अन्य कई इलाकों में सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। गांधीनगर से गंग्याल की तरफ हाईवे पर बढ़ने पर कई स्थानों पर सड़कों में गड्ढे बन गए हैं, जो हादसों को न्योता देते हैं। कुंजवानी चौक पर तो चारों तरफ गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। जिन बसों को जम्मू और श्रीनगर के विभिन्न इलाकों के लिए उतारा गया है वे बैटरी से चलती हैं। ऐसे में उनके लिए सड़कें अच्छी होनी चाहिए। यदि सड़कें खराब होंगी तो बसें भी जल्दी खराब हो सकती हैं। इसलिए राज्यपाल प्रशासन को शहर और आसपास के इलाकों की सड़कों की मरम्मत करवानी चाहिए।