नेकां ने कांग्रेस से गठजोड़ की उम्मीद नहीं तोड़ी
राज्य ब्यूरो जम्मू राज्य की छह संसदीय सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस के बीच गठजोड़
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य की छह संसदीय सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस के बीच गठजोड़ को लेकर पैदा गतिरोध उम्मीद के विपरीत सोमवार को भी दूर नहीं हो पाया। हालांकि नेकां ने राज्य की सभी छह सीटों के लिए उम्मीदवार तय कर लिए हैं, लेकिन गठबंधन की संभावना को बरकरार रखते हुए सिर्फ दो सीटों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। कांग्रेस भी उम्मीदवारों की सूची के साथ तैयार बैठी है, लेकिन समझौते की उम्मीद में वह उनका अंतिम एलान नहीं कर रही है। इसी बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में भी एक वर्ग जम्मू संभाग और लद्दाख प्रांत में कांग्रेस का समर्थन देने व कश्मीर में तीनों सीटों पर कांग्रेस समेत अन्य दलों के मुकाबले अपने प्रत्याशी उतारने के लिए पार्टी नेतृत्व पर कथित तौर पर जोर दे रहा है। नेकां और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व गठजोड़ की संभावना पर संपर्क में है। उम्मीद है कि मंगलवार को अंतिम फैसला हो जाएगा। राज्य में छह संसदीय क्षेत्र बारामुला-कुपवाड़ा, श्रीनगर-बडगाम, अनंतनाग-पुलवामा, उधमपुर-डोडा, जम्मू-पुंछ व लददाख हैं। कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस व पीडीपी के अलावा भाजपा ही इन सीटों पर मुख्य दावेदार हैं। पिछले संसदीय चुनावों में जम्मू-पुंछ, उधमपुर-डोडा व लद्दाख में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। घाटी की तीनों सीटों पर पीडीपी काबिज रही। चारों दल एक दूसरे के खिलाफ हैं, लेकिन भाजपा अन्य तीनों की साझा सियासी दुश्मन है। नेकां और पीडीपी भी एक दूसरे की कटटर सियासी दुश्मन हैं। संसदीय चुनावों में भाजपा को नेकां, कांग्रेस व पीडीपी का राजय में मुकाबला करना पड़ा रहा है। सभी छह सीटों पर जातीय, सामाजिक, आíथक और राजनैतिक समीकरणों के बीच नेकां व कांग्रेस को अपनी जीत यकीनी बनाने के लिए आपस में गठजोड़ करना बहुत जरूरी है। सीटों के तालमेल पर दोनों दलों में सहमति नहीं बन रही है। नेशनल कांफ्रेंस चाहती है कि कांग्रेस चार सीटों पर उसका साथ दे। वह जम्मू संभाग की दो सीटों पर कांग्रेस का साथ देगी। लेकिन कांग्रेस को यह मंजूर नहीं है और वह चाहती है कि जम्मू संभाग की दो सीटों के अलावा उसे दक्षिण कश्मीर व लद्दाख की सीट नेकां से मिलनी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस जीए मीर ने कहा कि जम्मू संभाग में मुख्य मुकाबला सिर्फ कांग्रेस और भाजपा में है। इसलिए अगर नेकां हमारा साथ जम्मू मं देती हे तो हम दोनों सीटें आराम से जीत सकते हैं। यही स्थिति लद्दाख में है। वहां भी कांग्रेस चुनाव जीतने की स्थिति मे है। वोट नहीं बंटे इसलिए हमें नेकां का साथ चाहिए,अन्यथा नहीं। दक्षिण कश्मीर में नेकां का जनाधार बहुत पहले ही खिसक चुका है। पीडीपी भी अब पहले की तरह मजबूत नहीं है और कांग्रेस का जमीनी स्तर पर वहां विस्तार हुआ है। इसलिए हमें कम से कम चार सीटें चाहिए। हम तो उत्तरी कश्मीर की सीट भी चाहते हैं, लेकिन गठजोड़ को यकीनी बनाने व भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए हम चार सीटें मांग रहे हैं। अगर गठजोड़ होता है तो ठीक नहीं तो हम छह सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। नेकां के साथ गठजोड़ का अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में होने वाली बैठक में ही होगा। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अगर तीन-तीन सीटों पर गठजोड़ करता है तो हमारे लिए वह मान्य होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस जम्मू संभाग की दो सीटों पर राजी रहेगी तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता। लेकिन कांग्रेस आला कमान राष्ट्रीय और राज्य के हित में कोई भी फैसला ले सकती है जो हमारे लिए मान्य है। लेकिन जहां तक मेरा मानना है कि चार सीटों पर ही बात होगी। दूसरी तरफ नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा फारुक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई नेकां संसदीय बोर्ड की बैठक में भी कांग्रेस के साथ गठजोड़ का मुददा छाया रहा। नेकां नेताओं ने कश्मीर संभाग की तीनों सीटों के अलवा लददाख की सीट पर कांग्रेस के साथ कोई बात न करने पर जोर देते हुए कहा कि अगर गठजोड़ करना पड़े तो सिर्फ जम्मू संभाग कीदो सीटों पर बात होनी चाहिए। अन्यथा,नेकां सभी छह सीटो ंपर चुनाव लड़े। बैठक में मौजूद रहे नेकां एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी संसदीय बोर्ड की बैठक में कांग्रेस के साथ गठजोड़ की संभावना को देखते हुए आज जम्मू संभाग की दो सीटों के अलावा दक्षिण कश्मीर व लददाख सीट पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआहै। बोर्ड की बैठक कल सुबह दोबारा हो रही है। बैठक में मौजूद नेताओ ंने डा फारुक अबदुल्ला को कोई भी फैसला लेने का अंतिम अधिकार दिया है। लेकिन डा साहब ने कहा कि वह जो भी फैसला लेंगे मंगलवार की बैठक के बाद ही लेंगे। कांग्रेस और नेकां के बीच गठबंधन को लेकर पैदा हुए गतिरोध के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी मेंपार्टी का एक वर्ग जम्मू संभाग की दोनों सीटों पर कांग्रेस के समर्थन में अपना उमीदवार न उतारने के पक्ष में हैं। पीडीपी का यह वर्ग चाहता है कि सिर्फ कश्मीर में ही तीनों सीटों पर लड़ा जाए। इसका फायदा विधानसभा चुनावों मे ंभी होगा ओर भविष्य में नेकां के खिलाफ कांग्रेस को अपने साथ जोड़ने में मदद मिलेगी। पीडीपी के प्रवक्ता रफी अहमद मीर से जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कुछ लोगों को विचार हो सकता है। लेकिन इस पर कोई चर्चा संगठन में अधिकारिक तौर पर नहीं हुई है। हम सभी छह सीटो ंपर लड़ने की तैयारी में हैं। लेकिन अंतिम फैसला महबूबा ही करेंगी। वह एक दो दिन में जम्मू में भी पार्टी नेताओ ंसे बैठक करने वाली हैं। उसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी।