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कुदरत ने बर्बाद की फसल, अब मुआवजे के लिए अन्न्दाता सड़क पर

अखनूर के सीमावर्ती इलाके परगवाल क्षेत्र में 23 अक्टूबर को हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में यही हाल है। ऐसे में अब किसान मुआवजा पाने के लिए कमर कसने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 07:00 AM (IST)
कुदरत ने बर्बाद की फसल, अब मुआवजे के लिए अन्न्दाता सड़क पर
कुदरत ने बर्बाद की फसल, अब मुआवजे के लिए अन्न्दाता सड़क पर

संवाद सहयोगी परगवाल: अखनूर के सीमावर्ती इलाके परगवाल क्षेत्र में 23 अक्टूबर को हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में यही हाल है। ऐसे में अब किसान मुआवजा पाने के लिए कमर कसने लगे हैं। दरअसल उनके पास इसके अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है। बुधवार को बड़ी संख्या में प्रभावित किसानों ने धान की बर्बाद हुई फसल का जल्द मुआवजा जारी करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व सरपंच पंडित रामस्वरूप शर्मा

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उनका कहना था कि धान की फसल के भरोसे उनके कई काम पूरे होने थे। यहां तक कि अगली फसल की बुआई भी धान को बेचकर ही शुरू होनी थी, लेकिन अब यह सब अधर में लटक गया है। बुधवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि सरकार को हर किसान को 100 प्रतिशत फसल का मुआवजा देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पहले सरकार ने साढ़े छह सौ-सात सौ रुपये मुआवजा दिया था, जो बहुत कम था। अब जब से भाजपा की सरकार आई है, महंगाई काफी बढ़ गई है। मजदूरी भी बहुत ज्यादा है। लागत बढ़ने से सरकार को मुआवजा राशि भी बढ़ाना होगा। किसानों ने प्रति कनाल 7000 रुपये की दर से मुआवजा देने की मांग की। सरपंच ने सरकार से किसानों के बिजली के बिल भी माफ करने की मांग की है। प्रदर्शन में शामिल नितिन शर्मा ने कहा कि फसल सभी किसानों की बर्बाद हुई है, इसलिए सरकार सभी को मुआवजा दे। ऐसा नहीं होना चाहिए कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत अपनी फसल का प्रीमियम भरा है, उसे ही मुआवजा मिले। किसानों ने इस संबंध में तहसीलदार को एक ज्ञापन भी सौंपा। प्रदर्शन में मंगल सिंह, सरपंच देवराज, बुआ दित्ता के अलावा बड़ी संख्या में परगवाल तहसील के किसान शामिल रहे।


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